सटोरियों के 4 ठिकानों पर पहुंची पत्रिका की टीम
कुछ वर्षों पहले तक सटोरिए चोरी-छिपे सट्टे का अवैध कारोबार संचालित कर रहे थेए लेकिन अब खुलेआम बेखौफ होकर सट्टा लगाया जा रहा है। इसके कारण सट्टा कारोबार में हर साल कई करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हो रही है। इससे सट्टे की जद में आए कई परिवार बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। वहीं, अब वक्त के साथ सटोरिए मटका और सट्टा पर्ची के साथ ही नए ट्रेंड भी अपना रहे हैं।सटोरियों पर मेहरबान पुलिस
सटोरियों पर पुलिस मेहरबान हैं। इस कारण सट्टे का खेल खूब फल-फूल रहा है। कई सटोरिए तो खुद का मटका तक चला रहे हैं। जहां हर रात करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है। इसके अलावा दिल्ली, दिशावर गली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली दरबार के नाम से भी सट्टा केन्द्र चला रहे हैं। शहर में करीब 2 दर्जन बड़े सट्टेबाज हैं जिनके आलीशान मकान हैं। शाम होते ही सट्टे का बाजार गर्म होने लगता है। सूत्रों के अनुसार सटोरिए पुलिस को मोटी मंथली पहुंचा रहे हैं।कोतवाली थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा सटोरिए
शहर में 50 से ज्यादा स्थानों पर खुलेआम सट्टे का खेल चल रहा है। यहां प्रत्येक स्थान पर हर दिन लाखों रुपए का सट्टा लगाया जा रहा है। वैसे तो पूरा शहर ही सट्टे की जद में हैं, लेकिन कोतवाली थाना क्षेत्र सटोरियों के लिए सबसे महफूज जगह बनी हुई है। सबसे अधिक सट्टे का खेल यहीं हो रहा है।अशोका टॉकीज के आसपास, घंटाघर सब्जी मंडी के पीछे, सुगना बाई की धर्मशाला के पीछे खदाना मोहल्ला, गोपाल टॉकीज के पीछे, गुंडबास मोहल्ला, अखैपुरा, लादिया मोहल्ला चौकी स्कूल के पास, होली ऊपर, सागर ऊपर, महल चौक, हजूरी गेट, पहाड़गंज मोहल्ले में देवीजी के मंदिर से आगे पीपल के पेड़ के पास, केडलगंज, सामान्य अस्पताल की पुरानी कोविड जांच लैब के बाहर, लखंडावाला कुआं, स्वर्ग रोड, धोबीगट्टा एवं बुधविहार, शिवाजी पार्क, नयाबास, कालाकुआं, एनईबी, दाउदपुर व अपनाघर शालीमार सहित अनेक इलाकों में सट्टा चल रहा है।