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क्या अलवर की नहीं बुझेगी प्यास? परियोजना पर लगा ग्रहण, CM भजनलाल ने 20 मई को किया था शिलान्यास

अलवर शहर को मांग के अनुरूप पानी नहीं मिल पा रहा है। कई इलाकों में 48 तो कई में 72 घंटे में पानी मिल रहा है, वह भी 20 से 25 मिनट।

अलवरJun 14, 2025 / 01:54 pm

Lokendra Sainger

alwar news

Photo- Patrika

Alwar News: पानी को तरस रहे अलवर शहर को सिलीसेढ़ से पानी मिलने की आस बंधी थी। मगर ग्रामीणों के विरोध के चलते अभी तक इस प्रोजेक्ट का काम शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में अगली गर्मियों तक भी इस योजना से पानी मिलने की उम्मीद कम ही है। प्रोजेक्ट में हो रही देरी की वजह से इसकी लागत पर भी असर आ सकता है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने 20 मई को इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इसके बाद ही ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया था। जलदाय विभाग के कर्मचारी व अधिकारी 29 मई को जैसे ही मौके पर काम शुरू करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें भगा दिया। तब मौके पर ग्रामीण धरना दे रहे हैं। धरने को चलते 16 दिन हो चुके हैं। कलक्टर के साथ वार्ता विफल रही है। ऐसे में काम अटका पड़ा है। गौरतलब है कि पिछले कई साल से यह योजना कागजों में दौड़ रही थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय यहां बोरिंग के लिए पाइप डाले भी थे, लेकिन विरोध के चलते काम शुरू नहीं हो सका। अब भी काम शुरू होने पर संशय बना हुआ है।

यह पड़ेगा असर

इस प्रोजेक्ट को 18 महीने में पूरा किया जाना था। माना जा रहा था कि 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में इन बोरिंगों से शहर को पानी पहुंचना था, लेकिन प्रोजेक्ट में हो रही लगातार देरी की वजह से तय सीमा में शायद ही पानी मिल पाए। इसका सीधा असर प्रोजेक्ट की लागत पर भी पड़ सकता है।

इसलिए विरोध कर रहे हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि सिलीसेढ़ से ट्यूबवेल की जाती है तो आसपास के किसान बर्बाद हो जाएंगे। ट्यूबवेल सारा पानी खींच लेंगे और किसानों के पास खेती के लिए पानी नहीं बचेगा। किसानों ने जयसमंद व विजयमंदिर का भी उदाहरण दिया है। उनका कहना है कि वहां ट्यूबवैल कराई थी। जिसके कारण पूरा इलाका सूख चुका है। सिलीसेढ़ में 250 फीट गहराई तक पानी और फिर पत्थर हैं। किसानों ने कहा कि प्रशासन यदि सिलीसेढ़ का पानी अलवर ले जाएगी तो हमारा कोई विरोध नहीं है।
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अभी शहर में पानी के हाल खराब

अभी अलवर शहर को मांग के अनुरूप पानी नहीं मिल पा रहा है। कई इलाकों में 48 तो कई में 72 घंटे में पानी मिल रहा है, वह भी 20 से 25 मिनट। यही नहीं जलदाय कार्यालय में रोजाना 15 से 20 शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। कोई दिन ऐसा नहीं है, जब कार्यालय में लोग पानी नहीं आने की समस्या लेकर नहीं पहुंचते हों।

यह है योजना

कुल नलकूप 35

प्रतिदिन मिलेगा पानी 1.25 करोड़ लीटर पानी

पाइपलाइन: लगभग 21 किलोमीटर

लागत: 23.27 करोड़ रुपए

अभी है यह हाल

कुल नल कनेक्शन: 49 हजार
ट्यूबवेल: 382

प्रतिदिन पानी उत्पादन: 460 लाख लीटर

डिमांड: 561 लाख लीटर

ग्रामीणों से दो बार वार्ता हो चुकी है। आगे भी वार्ता की जाएगी। प्रशासन के स्तर पर ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है।
भवानी सिंह शेखावत, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, एनसीआर

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