scriptRajasthan News: कमी के बाद भी भू-जल से स्टेडियम में सिंचाई पर एनजीटी नाराज, जानें, एसएमएस स्टेडियम क्यों सुनवाई से हुआ बाहर | Angry over irrigation of stadium with ground water despite shortage, know why now there will be no chance of protection | Patrika News
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Rajasthan News: कमी के बाद भी भू-जल से स्टेडियम में सिंचाई पर एनजीटी नाराज, जानें, एसएमएस स्टेडियम क्यों सुनवाई से हुआ बाहर

एनजीटी ने देशभर के क्रिकेट स्टेडियमों में प्रयोग किए जा रहे भू-जल को लेकर नाराजगी जाहिर की है। कहा है कि क्या क्रिकेट स्टेडियम भू-जल की कमी के बाद भी इस पानी से मैदान की सिंचाई करना चाहते हैं? एनजीटी ने उस बात पर भी नाराजगी जताई है कि देश के सभी स्टेडियम ने मांगी गई जानकारी पूरी नहीं दी है।

अलवरJun 03, 2025 / 09:46 am

anand yadav

एमएमएस स्टेडियम में भूजल से सिंचाई पर एनजीटी नाराज, पत्रिका फोटो

एनजीटी ने देशभर के क्रिकेट स्टेडियमों में प्रयोग किए जा रहे भू-जल को लेकर नाराजगी जाहिर की है। कहा है कि क्या क्रिकेट स्टेडियम भू-जल की कमी के बाद भी इस पानी से मैदान की सिंचाई करना चाहते हैं? एनजीटी ने उस बात पर भी नाराजगी जताई है कि देश के सभी स्टेडियम ने मांगी गई जानकारी पूरी नहीं दी है। उन्होंने 26 में से 16 स्टेडियम से दोबारा पूरी जानकारी चार सप्ताह में तलब की है।

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एनजीटी ने जयपुर के सवाई मानसिंह सहित 10 स्टेडियम को कोर्ट ने सुनवाई से बाहर कर दिया है। क्योंकि, बार-बार कहने पर भी इन्होंने ग्राउंड वाटर आदि की रिपोर्ट नहीं दी। अब इन्हें अपने बचाव के लिए दोबारा मौका नहीं मिलेगा। कोर्ट सीधे कार्रवाई करेगा। जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने इस प्रकरण पर सुनवाई की।

‘हर डॉट बॉल पर 500 पौधे लगाएंगे’

एनजीटी ने पूर्व में बीसीसीआई से भी जवाब मांगा था। बीसीसीआई ने पहले कहा कि देश में उनके कोई स्टेडियम नहीं हैं। वह मैच कराने के लिए रेंट पर स्टेडियम लेते हैं। बाद में पर्यावरण जागरुकता के सवाल पर कहा था कि उन्होंने मैच के दौरान हर डॉट बॉल पर 500 पेड़ लगाने का निर्णय लिया है। वर्ष 2023 में 4 मैच प्लेऑफ के थे। ऐसे में 250 डॉट बॉल डाली गई थी, जिसकी एवज में 1.25 लाख पौधे लगाने थे। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा है कि इन पौधों की जानकारी भी ली जाए कि कहां लगाए गए। हालांकि बीसीसीआई ने इसके बाद क्रिकेट बॉल पर पेड़ का लोगो लगाना शुरू कर दिया, लेकिन इससे कोर्ट अभी संतुष्ट नहीं है।

26 में से 16 स्टेडियम की जानकारी साझा

अलवर के हैदर अली ने एनजीटी में दायर याचिका में कहा था कि क्रिकेट स्टेडियम सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पानी का सिंचाई में प्रयोग न करके ग्राउंड वाटर का प्रयोग कर रहे हैं। इसी को लेकर कोर्ट ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के नेतृत्व में कमेटी बनाई और सभी स्टेडियम से बोरवेल की स्थिति, भूजल निकासी की सीमा, बोरवेल के लिए अनुमति, एसटीपी उपचारित जल के उपयोग की स्थिति, स्टेडियमों में स्थापित वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थिति और लगाए गए पर्यावरण मुआवजे की जानकारी मांगी थी। प्राधिकरण ने 16 स्टेडियम की जानकारी साझा की, लेकिन उसमें भी समुचित जानकारी नहीं थी। अब इन स्टेडियम की जानकारी आने के बाद अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

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