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Rajasthan: 9 दिन में पैदा हुए 2 बच्चे… शादी से 8 साल पहले बन गया पिता, लिपिक भर्ती में गड़बड़ी आई सामने

अलवर में लिपिक ने आवेदन में भर दिया कि उसकी 9 दिन में दो संतान हो गई, तो किसी को शादी से 8 साल पहले ही बच्चा हो गया।

अलवरJun 27, 2025 / 10:24 am

Lokendra Sainger

Alwar District Council

Photo- Patrika

अलवर जिला परिषद में करीब ढाई साल पहले हुई 134 लिपिकों की भर्ती में गड़बड़ी के रोचक मामले सामने आ रहे हैं। आवेदन में अभ्यर्थियों ने फर्जी शपथ पत्र लगाए। विवाह तथा संतान तक की सूचना गलत दी। किसी लिपिक ने आवेदन में भर दिया कि उसकी 9 दिन में दो संतान हो गई, तो किसी को शादी से 8 साल पहले ही बच्चा हो गया। हाल ही में सामने आए 7 नए केस में लिपिकों की तरफ से जो दस्तावेज दिए गए, उनमें बड़ी धांधली सामने आई है।

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सबसे बड़ी बात यह रही कि सरकार का अगस्त 2017 का आदेश था कि ऑफ कैंपस संस्थाओं से कंप्यूटर प्रमाण पत्र लेने वालों का कंप्यूटर प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा, लेकिन संविदा की नौकरी में रहते हुए इन लिपिकों ने ऑफ कैंपस स्टडी सेंटर से कंप्यूटर प्रमाण पत्र लिए, जिससे इनका अनुभव भी ओवरलैप हो गया, लेकिन इस ओर किसी अफसर का ध्यान नहीं गया, जबकि इससे पहले जिला परिषद ही कई मामलों में अनुभव ओवरलैप होने के कारण कई आवेदन खारिज कर चुकी थी। कुछ लोगों ने अपने स्तर पर इस फर्जीवाड़े का सत्यापन कर रिपोर्ट सरकार को भेजी है।
केस-1: एक महिला लिपिक ने नौकरी के लिए वर्ष 2013 में फॉर्म भरते समय खुद को अविवाहित बताया। नौकरी लेते समय दिए गए शपथ पत्र में वर्ष 2015 में विवाह होना बताया और संतान संबंधी घोषणा पत्र में अपने पहले पुत्र का जन्म विवाह से 8 साल पहले यानी वर्ष 2007 में होना बताया है। यह लिपिक वर्ष 2009 से 2015 तक सर्व शिक्षा अभियान में संविदा पर कार्यरत रही। इस दौरान उन्होंने वर्ष 2010 में एक डीम्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर का प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया।
केस-2: एक लिपिक सिंह ने संतान संबंधी शपथ पत्र में बताया है कि उनकी पहली पुत्री का जन्म 20 मार्च 2007 को और दूसरी पुत्री का जन्म 11 मार्च 2007 को हुआ है। इस प्रकार केवल 9 दिन की अवधि में ही उन्हें दो संतान पैदा हुई।
केस-3: एक अन्य महिला लिपिक वर्ष 2008 से 13 तक जिला परिषद भरतपुर में संविदा पर कार्यरत रही। 2013 में फॉर्म भरते समय कंप्यूटर की डिग्री महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी मेघालय की बताई। दस्तावेज सत्यापन के समय नेशनल काउंसिलिंग इंडिया स्किल की डिग्री प्रस्तुत की। सत्यापन दल ने ऑब्जेक्शन लगाया, तो कंप्यूटर की तीसरी डिग्री श्रम विभाग फरीदाबाद की लगाई और नौकरी ले ली।

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