रथयात्रा के दौरान पूरा शहर हरे रामा हरे कृष्णा से गूंज उठा। पीत वस्त्र पहने वृंदावन से आई इस्कॉन की मंडली ने संगीतमय वाद्यों के साथ संकीर्तन करती हुई रथयात्रा के साथ चल रही थी। छोटे बच्चे व युवा हाथों में ध्वज पताका लिए हुए चल रहे थे। पूरे रास्ते पुष्पवर्षा कर रथयात्रा का स्वागत किया।
शिखर को किया ऊपर-नीचे
वृंदावन से लाया गया यह रथ विशेष् प्रकार का था, जिसमें ऊपर लगे शिखर को आवश्यकतानुसार ऊपर नीचे किया जा सकता है। इसे दिल्ली से लाए गए फूलों से सजाया गया था। खासतौर से कमल पुष्प लगाए गए थे। इस दौरान प्रसाद लेने के लिए भी भक्त उमड़ पडे। वृंदावन से आए भक्तों की टोली भी आकर्षण का केंद्र बनी रही।
होपसर्कस पर हुई महाआरती
यह रथयात्रा पुलिस कंट्रोल रूम से प्रारंभ होकर होप सर्कस, घण्टा घर, पंसारी बाजार, नगर निगम, मन्नी का बड़, नंगली सर्किल होते हुए रिवाज रिसोर्ट में पहुंची। इस दौरन होपसर्कस पर महाआरती की गई। यहां बड़ा मंच बनाया गया था। संयुक्त व्यापार महासंघ की ओर से भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया गया।
ठाकुरजी की महिमा का प्रचार ही हमारा उद्देश्य: परंपरा एक है लेकिन तरीका अलग अलग है। हम वैष्णव है हम ठाकुर जी की पूजा करते हैं। हमारा एक ही उद्देश्य है ठाकुर जी की महिमा फैलाना। रथयात्रा के जरिए , दर्शन के जरिए, कथा के जरिए। इस्कॉन का यही उद़देश्य है। पूरे इंडिया में 300 जगह यह आयोजन हो रहा है। पहली बार रथयात्रा में भक्तों को उत्साह अच्छा मिला है। अलवर में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में भी हम शामिल होंगे और कीर्तन करेंगे।
श्रद्धालु हुए भक्ति से सराबोर
रथयात्रा प्रारंभ होने से पूर्व दिन में तेज वर्षा हुई। इससे भक्तों को गर्मी से राहत मिली और मौसम खुशनुमा हो गया। इससे रथयात्रा में शामिल होने का उत्साह दोगुना हो गया। शाम को जैसे ही रथयात्रा प्रारंभ हुई तो उस दौरान भी हल्की बरसात से भगवान जगन्नाथ का अभिषेक किया तो श्रद्धालु भी भक्तिभाव से भर उठे। भक्तों ने दोनों हाथ उठाकर इंद्रदेव का धन्यवाद किया।