कुछ समय पहले पीडब्ल्यूडी एनएन ने एलिवेटेड रोड के लिए प्रस्तावित रूट तय किया था। यह नटनी का बारां से शुरू होगा, जो कुशालगढ़, तालवृक्ष, मुंडावर मोड़ तक बनना था। इसकी दूरी 22 किमी थी। यह मार्ग आगे थानागाजी व शाहपुरा मार्ग से जुड़ना था, जो 8 किमी लंबा था। इसके लिए सरिस्का प्रशासन ने पर्यावरण की मंजूरी मांगी गई, लेकिन खामियां होने के कारण सरिस्का प्रशासन ने इसे पास नहीं किया। इसी बीच किसानों का प्रदर्शन थानागाजी में शुरू हो गया। सूत्रों का कहना है कि किसानों के प्रस्तावों को भी ध्यान में रखकर अब रोड का नया रूट तय हो सकता है।
वन्यजीवों की नहीं जाएगी जान
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एलिवेटेड रोड पर काम हो रहा है। यह प्रस्ताव तीन साल से चला आ रहा है, लेकिन धरातल पर अब तक नहीं आ पाया था। इस रोड का मुय उद्देश्य सरिस्का के वन्यजीवों की दुर्घटनाओं से हो रही मौतों को रोकना है। साथ ही जयपुर-अलवर का सफर भी आसान करना है। यहां पीडब्ल्यूडी की अपनी जमीन नहीं
एलिवेटेड रोड के लिए पूर्व में थैंक्यू बोर्ड से रूट तय किया था। इसकी लागत ज्यादा आ रही थी। विभाग की जमीन नहीं थी। ऐसे में मुआवजा देना पड़ता। दूसरे रूट के लिए पीडब्ल्यूडी एनएच ने इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1600 करोड़ रुपए निकाली थी। अब नया रूट तय होगा तो उसकी लागत अलग से निकलेगी। एक विभागीय इंजीनियर का कहना है कि इस प्रस्ताव पर मंथन चल रहा है। रूट जल्द फाइनल होगा।