दलदल व पानी को देख मजदूरों ने छोडा काम, तब इंजीनियर ने संभाला मोर्चा, देखे वीडियो
अलवर. अरावली की सुरम्य पहाड़ियों के बीच अलवर शहर का प्राचीन करीब 30 फुट गहरा जलाशय कृष्ण कुंड का जीर्णोद्वार कार्य तेजी से चल रहा है। मानसून से पूर्व यह काम पूरा होने की संभावना है।
19 साल बाद किशन कुंड हुआ खाली, श्रमदान को उमड़ रहे स्वयं सेवक _ अलवर. अरावली की सुरम्य पहाड़ियों के बीच अलवर शहर का प्राचीन करीब 30 फुट गहरा जलाशय कृष्ण कुंड का जीर्णोद्वार कार्य तेजी से चल रहा है। मानसून से पूर्व यह काम पूरा होने की संभावना है।
गौरतलब है कि कृष्ण कुंड पर्यावरण समिति की ओर से कुंड को खाली करवाकर इसकी मरम्मत की जा रही हैं। मजदूरों ने यहां पानी की गहराई और यहां जमी काई को देखकर काम करने से मना कर दिया। ऐसे में इंजीनियर राजदीप शर्मा ने मोर्चा संभाल और समिति के सदस्यों के साथ मिलकर श्रमदान शुरू किया।
इसके लिए जलाशय का सारा पानी सबमरसिबल से निकाल कर उसकी आंतरिक दीवारों पर सीमेंट से पलस्टर और उसमे जमी सिल्ट को बाहर निकाला गया है। श्रमदान करने वाला कोई एक किलोमीटर पहले सागर जलाशय से कट्टोँमे बजरी भरकर ला रहा है, तो कोई सीमेंट के कट्टे लाद कर ला रहा है। कोई बजरी छान रहा है तो कोई चाली-बल्ली उठाकर पैड़ा बांध रहा है।
ये कर रहे हैं सहयोग सेवानिवृत आयकर अधिकारी विभिन्न खेल गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले विशन कालरा, शिक्षाविद महेशचंद गुप्ता, राजू सैनी, भूपेश पंवार, राजेश शर्मा, भाजयुमो जिलाध्यक्ष तरुण जैन, मनीष खंडेलवाल, नरेश, महेश, महेश गुप्ता, पुष्पेंद्र, मनोज कथूरिया, परवेश जैन, बिट्टू, नारायण, कुंजबिहारी सोनी, हेमंत कुमार, दिनेश शर्मा, राकेश व संजय घीया सहित कृष्णकुण्ड विकास समिति के अनेक कार्यकर्ता।
19 साल बाद हो रहा है काम 19 वर्ष पूर्व विख्यात अभियंता राजदीप शर्मा ने पहली बार इस जलाशय की सफाई का बीड़ा उठाकर इसका पेंदा दिखाया था। उस समय ट्रेक्टर से ढेकुली के सहारे सिल्टखेंचकर बाहर की गई थी। इस बार रास्ते में सीढियां बन जाने के कारण ट्रेक्टर नहीं लाया गया, उससे सीढ़ियों के टूटने की आशंका थी। इसलिए ज्यादा मशक्कत हो रही है।
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