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ढाकपुरी में सरकार ने 147 लाख कर दिए खर्च, फिर भी नहीं बुझ रही प्यास

सूखते हलक तर करने को बुजुर्ग महिला-पुरुष भी खेतों से पानी लाने को मजबूरजल जीवन मिशन योजना के तहत 423 लाख का रिवाइज्ड प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा है, अभी स्वीकृति का इंतजार

अलवरMar 24, 2025 / 04:58 pm

Ramkaran Katariya

मालाखेड़ा. मार्च के महीने में ही ग्रामीण अंचल में लोगों को जल संकट सताने लगा है। अभी गर्मी का मौसम बाकी है। हालांकि सरकार की ओर से पेयजल के लिए पैसा भी पानी की तरह बहाया जा रहा है, लेकिन समस्या जस की तस है। समीप के ढाकपुरी गांव में जल जीवन मिशन योजना में 147 लाख रुपए स्वीकृत हुए। जिसके तहत कई कार्य भी हुए, लेकिन हलक तर करने के लिए बुजुर्ग महिला-पुरुषों को भी खेतों से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
लोगों का आरोप है कि आबादी क्षेत्र में पाइप लाइन नहीं बिछाई। कार्य करने वाली एजेंसी की उदासीनता के कारण ग्रामीण परेशान। जल जीवन मिशन योजना इस गांव के लिए गले की फांस बन रही है। यहां पर ग्रामीणों को घर-घर नल पहुंचाने के लिए 147 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। जिसके आदेश 13 अप्रेल 2022 को हुए। कार्य प्रारंभ 23 अप्रेल को हो गया। इस कार्य को पूर्ण करने की प्रस्तावित तारीख 22 अक्टूबर 2022 थी। इस योजना में 200 किलो लीटर का सीडब्लूआर टैंक, 3 ट्यूबवेल तथा 10.033 किलोमीटर लाइन डालने का कार्य जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की ओर से तकमीना के अनुसार दिया गया, लेकिन 2 वर्ष गुजर जाने के बाद भी इस गांव में जलापूर्ति नहीं हो पाई। आरोप है कि आबादी क्षेत्र में राइजिंग लाइन, कनेक्शन लाइन नहीं बिछाई गई। जिसके चलते जल संकट बना हुआ है। पशुओं के लिए बनाई गई खेल पानी के अभाव में सूख रही है। उसे भरने का भी संकट खड़ा हो गया। अभी तक कार्यकारी एजेंसी की ओर से जल स्वच्छता समिति को यह योजना हैंडओवर नहीं हुई है, वहीं जिन घरों में कनेक्शन दिया है, वहां अभी तक पानी नहीं पहुंचा है। यहां घर-घर कनेक्शन के नल शोपीस बन गए। ढाकपुरी गांव के मोहल्ला गड्ढभीतला, ब्राह्मण, दलित, सेन सहित अन्य स्थानों पर अभी तक कनेक्शन ही नहीं हुए। जहां इस क्षेत्र के लोग खेतों पर चल रहे निजी ट्यूबवेल से पानी भरने को मजबूर है। 85 वर्ष के गंगा लहरी सेन तथा 80 वर्षीय उनकी पत्नी भौती देवी आधा किलोमीटर दूर से सिर पर पानी लाने को मजबूर हैं।
अभी तक जल सप्लाई नहीं हुईसरपंच सुनीता यादव ने बताया जल जीवन मिशन के तहत राइजिंग व पाइप लाइन ढाकपुरी की आबादी बस्ती में अभी तक नहीं बिछाई गई। केवल तीन ट्यूबवेल जल जीवन मिशन के स्वीकृत हुए। एक ट्यूबवेल ढाकपुरी में तथा दूसरा ट्यूबवेल पीलाढाबा में है। एक ट्यूबवेल के स्टार्टर व अन्य उपकरण जले पड़े हैं। गांव के फूलसिंह, कमलसिंह, बनवारीलाल, लालचंद, मुरली भगोर, कैलाश बैरवा, मुकेश बैरवा, संतोष देवी, पप्पू, मूर्ति देवी, सोना देवी आदि का कहना है कि योजना के तहत घरों पर लगे कनेक्शनों में अभी तक पानी की सप्लाई नहीं की गई। टैंकर और निजी ट्यूबवेल से पानी भराने को मजबूर है।
पानी की कोई व्यवस्था नहीं कीकृपा दयाल ब्राह्मण, जगदीश शर्मा, गंगालहरी, रामभरोसी चौधरी, मुकेश गुप्ता आदि का कहना है कि करीब डेढ़ सौ घर पर 600 आबादी तक किसी भी प्रकार की जल जीवन मिशन की लाइन ही नहीं बिछाई गई। सिंगल फेज के ट्यूबवेल से पानी पी रहे थे। वह भी कई महीनों से खराब है, जहां पशुओं के लिए भी पानी पिलाने का संकट खड़ा हो गया, लेकिन पंचायत, प्रशासन, जलदाय विभाग की ओर से पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।423 लाख का रिवाइज्ड ऐस्टीमेट भेजा
गांव के बीच में राइजिंग लाइन बिछाने के लिए रिवाइज्ड ऐस्टीमेट बनाया है। अभी ग्राम पंचायत ने इस योजना को अधिग्रहण नहीं किया है। ढाकपुरी में पानी की व्यवस्था के लिए 423 लाख रुपए का रिवाइज्ड ऐस्टीमेट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा गया है, जिसमें नए ट्यूबवेल, राइजिंग तथा सप्लाई लाइन, विद्युत कनेक्शन व एक नई टंकी निर्माण शामिल है।हितेश कुमार, सहायक अभियंता जलदाय विभाग, मालाखेड़ा।

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