मिल सकती है अच्छी पहचान
वेडिंग सीजन में इनकी एडवांस बुकिंग होती हैं। अलवर में भी एक से बढ़कर एक किले और तमाम ऐतिहासिक इमारतें हैं, जिनको वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान मिल सकती है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। क्योंकि इन किलों व इमारतों का उतना प्रचार-प्रसार नहीं हो रहा, जितना होना चाहिए।ऐसे में शादियों के सीजन में यहां कभी-कभार ही बुकिंग होती है। यहां डढ़ीकर फोर्ट, नीमराणा फोर्ट, केसरोली, तिजारा फोर्ट जैसे बहुत से फोर्ट है, जिनका यदि प्रचार-प्रचार किया जाए तो वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में अच्छी पहचान मिल सकती है। इससे अलवर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार को भी बढ़ावा
यदि अलवर के फोर्ट का प्रचार-प्रसार ज्यादा से ज्यादा किया जाए, तो यहां बुकिंग ज्यादा मिलेगी। इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ होटल इंडस्ट्री को भी आय होगी। बहुत से लोग चाहते हैं कि उनकी शादी राजशाही ठाठ से हो।इसके लिए राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और जैसलमेर के किले और महल पसंद किए जाते हैं लेकिन वहां का बजट दो दिन में चार से पांच करोड़ का होता है, जबकि अलवर में इससे आधे बजट में शाही तरीके से शादी हो जाती है। यदि अलवर के फोर्ट का प्रचार-प्रसार हो तो यहां पर वेडिंग की संख्या बढ़ जाएगी। यहां पर डेकोरेशन, लाइट, इवेंट सभी की व्यवस्था एक ही जगह पर हो जाती है।