5 मई को हुई थी विवाहिता की शादी
मामला 5 मई को शुरू हुआ जब हंसवर क्षेत्र के एक युवक की शादी पास के गांव की युवती से हुई। शादी धूमधाम से संपन्न हुई और दुल्हन ससुराल आ गई। लेकिन, शादी के कुछ ही दिनों में दुल्हन का दिल अपने पति की जगह देवर के लिए धड़कने लगा।
भाभी-देवर का रिश्ता बदल गया प्यार में
ससुराल पहुंचने के बाद देवर और भाभी के बीच मेलजोल बढ़ा और जल्द ही यह नजदीकियां प्रेम संबंध में बदल गईं। जब विवाहिता मायके गई, तो उसने अपने परिजनों को स्पष्ट कह दिया कि वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती और अब देवर से विवाह करना चाहती है।
पंचायत और थाने तक पहुंचा मामला
विवाहिता के इस फैसले से दोनों परिवारों में हड़कंप मच गया। पहले समझाने-बुझाने की कोशिश हुई, लेकिन जब देवर ने भी अपने प्रेम को स्वीकार कर लिया, तो मामला पंचायत तक पहुंचा। वहां भी दोनों ने साथ रहने की जिद दोहराई। इसके बाद मामला थाने में दर्ज हुआ, लेकिन दोनों के बालिग होने और आपसी सहमति से निर्णय लेने के कारण पुलिस ने हस्तक्षेप नहीं किया।
परिवार दोनों की जिद के आगे झुका
सामाजिक दबाव और रिश्तों की मर्यादा के बावजूद दोनों की जिद के आगे परिवार को झुकना पड़ा। दोनों को विवाह के लिए मंजूरी दी गई और अब विवाहिता उसी घर में बड़े बेटे की जगह छोटे बेटे की पत्नी बनकर रह रही है। चूंकि यह मामला दो बालिगों की आपसी सहमति से जुड़ा था और परिवार ने कोई कानूनी आपत्ति नहीं जताई, इसलिए शादी की राह आसान हो गई। गांव और क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।