CBI की गाजियाबाद यूनिट ने इस कार्रवाई को योजना के तहत अंजाम दिया। जैसे ही कारोबारी ने रिश्वत की रकम सौंपी, सीबीआई की टीम ने भीतर घुसकर दोनों को धर दबोचा। इसके बाद एक घंटे तक कार्यालय की गहन तलाशी ली गई और कुछ दस्तावेजों के साथ दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल कार्यालय को सील कर दिया गया है।
चार लाख की डील, एक लाख में गिरफ्तारी
मामले की शुरुआत गजरौला के एक कारोबारी से हुई, जिसकी कंपनी पर जीएसटी टैक्स बकाया था। जीएसटी कार्यालय की ओर से उसे नोटिस जारी किया गया था। आरोप है कि कर अधीक्षक निशान सिंह मल्ली ने इस नोटिस को निपटाने के एवज में चार लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस पूरे लेन-देन में स्थानीय वकील अमित खंडेलवाल भी शामिल था, जो कारोबारी से सौदेबाजी कर रहा था। अधिकारी द्वारा दबाव बनाए जाने से परेशान कारोबारी ने अंततः सीबीआई गाजियाबाद यूनिट में शिकायत दर्ज कराई।
योजना के तहत हुई छापेमारी
शिकायत की पुष्टि और पर्याप्त सबूत मिलने के बाद, सीबीआई ने सोमवार को कार्रवाई को अंजाम दिया। कारोबारी को योजना के मुताबिक, रिश्वत की रकम लेकर कार्यालय भेजा गया। जैसे ही उसने एक लाख रुपये अधिकारी को सौंपे, CBI टीम ने कार्यालय के अंदर घुसकर दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया। टीम ने कार्यालय को अंदर से बंद कर एक घंटे तक तलाशी ली और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। इसके बाद दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया।
शिकायत एक निजी कंपनी के संचालक ने की थी
CBI अधिकारियों के मुताबिक, इस कार्रवाई की शुरुआत एक निजी कंपनी के संचालक की शिकायत से हुई थी। आरोप था कि कंपनी द्वारा जीएसटी रिटर्न समय पर न भरने के चलते एक पेनल्टी नोटिस जारी किया गया था, जिसे समाप्त करने के बदले अधीक्षक ने चार लाख रुपये की मांग की थी। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज
अरोपी निशान सिंह मल्ली गजरौला में तैनात हैं और अमरोहा में सीजीएसटी अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार भी देख रहे थे। उनके खिलाफ वकील अमित खंडेलवाल के साथ मिलकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। सीबीआई दोनों से पूछताछ कर रही है और आगे की जांच जारी है। कार्यालय को सील कर दिया गया है।