50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी
मामला हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है। यहां के किसान ने बताया कि पांच मार्च 2025 उनकी बहन की शादी थी। घर पर बरात आ गई थी। इस दौरान शादी समारोह पर कर्मचारी गजेंद्र, सुरभि यादव, आदिल, शाहबाजपुर गुर्जर के रहने वाले कपिल, सिरसा गुर्जर के रहने वाले अशोक, मनोज, वीरू व एक अज्ञात व्यक्ति पहुंचे और किसान की 21 वर्षीय बहन को नाबालिग बताया। किसान ने आधार कार्ड के हिसाब से अपनी बहन को बालिग बताया तो सभी लोग धमकाने लगे। इसके बाद इन लोगों ने 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। किसान ने रुपये देने से इन्कार कर दिया तो सभी लोग उसकी बहन को शादी के मंडप से उठाकर ले गए थे। आरोप है कि उक्त लोगों ने बिना बाल कल्याण समिति में पेश किए है युवती को वन स्टॉप सेंटर में भेज दिया। हालांकि, बाद में युवती परिजनों के साथ चली गई।
बिना दुल्हन ही लौट गई बरात
हसनपुर क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने बताया कि पांच मार्च को बहन की शादी थी। घर में जश्न का मौहाल था। बरात आ चुकी थी। नाच-गाना चल रहा था। दुल्हन मंडप में भी बैठ गई थी। अचानक कुछ लोग आए और उसकी बहन को नाबालिग बताते हुए शादी रुकवाने लगे। इस पर शादी समारोह में अफरा-तफरी मच गई। उसने व उसके परिजनों ने उक्त लोगों को विरोध किया तो वे धमकाने लगे। साथ ही उसकी बहन की शादी कराने देने की एवज में 50 हजार रुपये की मांग की। उसने रुपये देने से मना किया तो वह उसकी बहन को लेकर चले गए। इसके कुछ देर बाद ही बरात भी लौट गई।
जेल भिजवाने की दी धमकी
आरोप है कि जिला प्रोबेशन अधिकारी के आदेश पर पहुंचे सभी लोगों ने किसान की बेटी का फर्जी आधार कार्ड बनवाकर सबको जेल भिजवाने की धमकी दी। समाज में बदनामी होने के बाद किसान का परिवार पूरी तरह टूट गया और किसान की बहन भी सदमे में है। किसान ने इसके लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी और उनके कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है।
तीन डिप्टी कलेक्टर के कार्य क्षेत्र में बदलाव, रामदेव निषाद को भेजा गया सदर मामले में पीड़ित के सामने पुलिस से शिकायत की तो कोई सुनवाई नहीं हुई। लिहाजा उसने न्यायालय की शरण ली। मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट ओमपाल सिंह ने किसान द्वारा लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच करना आवश्यक समझा। साथ ही डीएम को जांच पांच मई को जांच रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।