इस समय सूर्य आकाश में अपनी सर्वोच्च अवस्था में होता है और साल का सबसे लंबा दिन होता है। यह घटना हर साल 20 या 21 जून को घटती है। इस समय पृथ्वी की धुरी का झुकाव (सूर्य के संबंध में) अधिकतम 23° 26′ होता है।
क्या होता है अयनकाल
खगोलविज्ञान के अनुसार अयनकाल वह समय है, जब सूर्य आकाश में अपनी सर्वोच्च अवस्था में स्थित हो जाता है, जैसा कि उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव से देखा जाता है। यह घटना साल में 2 बार घटती है। एक बार ग्रीष्म ऋतु जब सूर्य दक्षिणायन होता है यानी ग्रीष्म अयन काल शुरू होता है और दूसरी बार शीत ऋतु में जब सूर्य उत्तरायण होता है यानी शीत अयनकाल शुरू होता है। उत्तरायण की घटना 21 या 22 दिसंबर को घटित होती है। शीत ऋतु अयनकाल में वर्ष का सबसे छोटा दिन होता है।
जून अयनकाल में इन देशों में शीत ऋतु
खगोलविज्ञान के अनुसार जून अयनकाल के समय उत्तरी गोलार्ध यूके, यूएसए, कनाडा, रूस, भारत और चीन आदि में ग्रीष्मकाल का समय होता है और यहां सबसे लंबा दिन होता है, जबकि ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, चिली, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में शीतकाल होता है यहां साल का सबसे छोटा दिन होता है।इसी प्रकार दिसंबर में उत्तरी गोलार्ध में शीत अयनकाल और दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म अयनकाल होता है। इस समय यूके, यूएसए, कनाडा, रूस, भारत और चीन में शीतकाल का समय होता है और साल का सबसे छोटा दिन, जबकि ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, चिली, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में ग्रीष्मकाल का समय होता है। साथ ही साल का सबसे लंबा दिन होता है। तथा यह वर्ष का सर्वाधिक लम्बा दिन होता है।
कब से शुरू हो रहा है ग्रीष्म अयनकाल (Longest Day Of Year)
ग्रीष्म अयनकाल समयः सुबह 08:11 बजे सेग्रीष्म अयनकाल सूर्योदयः सुबह 05:34 बजे
ग्रीष्म अयनकाल सूर्यास्तः शाम 07:24 बजे
इस तरह ग्रीष्म अयनकाल दिन की अवधिः 13 घंटे 50 मिनट 12 सेकेंड
ग्रीष्म अयनकाल पिछले दिन की अवधिः 13 घंटे 50 मिनट 12 सेकेंड
ग्रीष्म अयनकाल आगामी दिन की अवधिः 13 घंटे 50 मिनट 11 सेकेंड
कब शुरू होगी देवताओं की रात
हिंदू ज्योतिष विज्ञान में ग्रीष्म अयनकाल को उष्णकटिबंधीय दक्षिणायन के रूप में जाना जाता है। इसे असुरकाल या देवताओं की रात माना जाता है। हालांकि इसकी शुरुआत कर्क संक्रांति से माना जाता है। मान्यता है कि यह समय शुभ काम के लिए प्रतिकूल और अनुपयुक्त होती है।
सूर्य कब आद्रा नक्षत्र में करेंगे प्रवेश
पंचांग के अनुसार ग्रहों के अधिपति और नवसंवत्सर-2082 के प्रधानमंत्री सूर्यदेव 21 जून को सुबह 8:12 बजे कर्क राशि में प्रवेश (सायन) करते हुए दक्षिण दिशा की ओर गति करेंगे। इसके बाद सूर्य 22 जून को सुबह 6.20 बजे आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसी दिन से वर्षा ऋतु शुरू होगी। इस दिन योगिनी एकादशी भी है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह संयोग कर्क, मेष, मिथुन, तुला और मीन राशियों के लिए शुभ रहेगा। इससे तेज बारिश के योग बनेंगे और मानसून पूरी तरह से सक्रिय होगा।
कब है कर्क संक्रांति
पंचांग के अनुसार कर्क संक्रांति 16 जुलाई को है यानी 26 दिन बाद देवताओं की रात यानी असुरकाल शुरू हो जाएगा। इस दिन स्नान ध्यान का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान दान का महा पुण्य काल दोपहर 03:23 बजे से शाम 05:40 बजे तक है।