अगर आप जल्द ही एक पुरानी कार खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण टिप्स साझा कर रहे हैं, जो आपको सही कार चुनने में मदद करेंगे।
अपनी जरूरत और बजट तय करें
सबसे पहले यह तय करें कि कार का उपयोग क्या करने वाले है। क्या यह रोजमर्रा के सफर के लिए चाहिए, परिवार के लिए या लंबी यात्राओं के लिए? इससे यह तय कर पाएंगे कि आपके लिए हैचबैक, सेडान और एसयूवी में कौन सी गाड़ी बेहतर रहेगी। साथ ही बजट निर्धारित करते समय केवल कार की कीमत ही नहीं, बल्कि बीमा, रजिस्ट्रेशन और संभावित मेंटेनेंस का खर्च भी जोड़ें।
सही रिसर्च करें
सेकंड-हैंड कार की कीमत उसके ब्रांड, मॉडल, माइलेज और रखरखाव पर निर्भर करती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Maruti True Value, Spinny और Cars 24 पर अलग-अलग गाड़ियों की कीमतों की तुलना करें। साथ ही, जिस मॉडल को खरीदना चाहते हैं, उसकी नई कार की कीमत भी देखें, ताकि उसके डेप्रिसिएशन (कीमत में कमी) का अंदाजा लगाया जा सके।
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कार खरीदने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेना बहुत जरूरी है। विक्रेता से सर्विस रिकॉर्ड, बीमा दस्तावेज और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) अवश्य मांगें। इसके अलावा, परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर गाड़ी के नंबर से उसकी दुर्घटना या कानूनी मामलों की स्थिति की जांच करें।
गाड़ी का फिजिकल इंस्पेक्शन करें
कागजात देखने के बाद खुद गाड़ी का निरीक्षण करें। बाहरी हिस्से में खरोंच, डेंट या रंग में असमानता जैसे संकेत देखें, जो किसी दुर्घटना की ओर इशारा कर सकते हैं। टायरों की हालत, इंजन की आवाज और एग्जॉस्ट से निकलने वाले धुएं को भी ध्यान से देखें। कार के अंदरूनी हिस्सों में सीट्स, डैशबोर्ड और इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स (AC, पावर विंडो आदि) की कार्यक्षमता जांचें। अगर टेक्निकल नॉलेज कम है, तो किसी जानकार मैकेनिक की मदद लें।
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कार खरीदने से पहले टेस्ट ड्राइव लेना अनिवार्य है। ड्राइविंग के दौरान ब्रेक, क्लच, गियर शिफ्टिंग और सस्पेंशन की स्थिति पर ध्यान दें। कोई असामान्य आवाज, झटके या वाइब्रेशन महसूस हो तो सतर्क रहें। अलग-अलग सड़कों पर ड्राइव करके कार की परफॉर्मेंस का सही आकलन करें।
सही कागजी कार्यवाही करें
अगर सौदा फाइनल हो जाता है, तो सभी दस्तावेजॉन की जांच करें। यह सुनिश्चित करें कि आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट), एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट), बीमा और पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) सही स्थिति में हों। वाहन के स्वामित्व को ट्रांसफर कराने के लिए फॉर्म 29 और 30 भरकर आरटीओ में जमा करें।
साथ ही, यह भी पक्का कर लें कि गाड़ी पर कोई बकाया चालान या लोन नहीं है। एक बार मालिकाना हक ट्रांसफर हो जाने के बाद पूरी जिम्मेदारी आपकी होगी। कुल-मिलाकर, अगर आप सही रिसर्च और सावधानी के साथ सेकंड-हैंड कार खरीदते हैं, तो यह एक किफायती और समझदारी भरा सौदा हो सकता है। उपरोक्त सुझावों को ध्यान में रखकर आप बिना किसी परेशानी के एक अच्छी कार अपने बजट में खरीद सकते हैं।