पहले पहचानें आग लगने के संकेत (Car Catches Fire Signs)
किसी भी खतरे को टालने का पहला उपाय, समय रहते उसका संकेत पहचानना है। कार में नीचे दिए जा रहे कुछ संकेतों से इसकी पहचान की जा सकती है इसे नजरअंदाज न करें। डैशबोर्ड से धुआं निकलना। प्लास्टिक या वायर जलने जैसी तेज गंध आना। इंजन से असामान्य आवाजें जैसे चटकना, स्पार्किंग या जलने की ध्वनि। एसी वेंट से धुआं या बदबू आना। ये सभी संकेत बताते हैं कि कार में कहीं न कहीं आग लगने की संभावना बन रही है।
यह भी पढ़ें:
Tata Punch Facelift 2025 में देखने को मिल सकते हैं ये बड़े बदलाव, दिवाली से पहले हो सकती है लॉन्च आग लग जाए तो तुरंत करें ये उपाय (What to do if your car catches fire while driving)
अगर आप देख या महसूस करें कि कार में आग लग चुकी है तो इन स्टेप्स को तुरंत अपनाएं।
कार को तुरंत किनारे लगाएं – किसी खुले, खाली स्थान पर कार रोकें। कोशिश करें कि कार किसी ज्वलनशील वस्तु या भीड़-भाड़ वाली जगह से दूर हो। इंजन बंद करें और चाबी निकालें – कार की चाबी निकालते ही फ्यूल पंप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम बंद हो जाते हैं जिससे आग के फैलने की संभावना कम हो जाती है।
यात्रियों को तुरंत बाहर निकालें – बिना घबराए सभी को तेजी से बाहर निकालें। बुजुर्ग, बच्चे या घायल यात्रियों को पहले सुरक्षित निकालें। 30 मीटर दूरी बनाएं – कार से सुरक्षित दूरी (कम से कम 30 मीटर) बनाएं, ताकि विस्फोट या जहरीले धुएं से बचा जा सके।
फायर ब्रिगेड को कॉल करें – तुरंत 101 (फायर सर्विस) या 112 (इमरजेंसी हेल्पलाइन) पर कॉल करें और स्थान की जानकारी स्पष्ट रूप से दें। फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग – यदि कार में छोटा फायर एक्सटिंग्विशर उपलब्ध है और आग बहुत ज्यादा नहीं फैली है, तो उसका उपयोग करें। लेकिन अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें, अगर आग तेजी से फैल रही हो तो कार से दूर रहें।
यह भी पढ़ें:
Monsoon Car Care Tips: मानसून में गाड़ी की देखभाल कैसे करें? जानिए 5 जरूरी टिप्स और सावधानियां क्या न करें
कार के बोनट को अचानक न खोलें अंदर ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही आग और तेजी से भड़क सकती है।
भीड़ लगाने या वीडियो रिकॉर्ड करने से बचें – यह आपकी और दूसरों की जान को खतरे में डाल सकता है।
कार में आग लगने की स्थिति असामान्य जरूर है लेकिन असंभव नहीं। सही
जानकारी और सतर्कता आपको बड़े हादसे से बचा सकती है। हमेशा अपनी कार की सर्विस समय पर करवाएं, वायरिंग और फ्यूल सिस्टम की जांच नियमित रूप से कराएं और फायर एक्सटिंग्विशर साथ रखें।