CNG कार में धमाका क्यों होता है? ये 3 बड़ी लापरवाहियां बनती हैं जानलेवा!
Why CNG car catches fire Explained: CNG कार में आग लगने की घटनाएं क्यों होती हैं? इस आर्टिकल में जानिए 3 बड़ी लापरवाहियां जो हादसे की वजह बनती हैं और साथ ही जानें इससे बचने के जरूरी उपाय।
Why CNG car catches fire in india: CNG कार में आग क्यों लगती है? जानिए तीन मुख्य कारण और जरूरी सुरक्षा टिप्स।
Why CNG car catches fire: सीएनजी (Compressed Natural Gas) से चलने वाली कारें भारतीय बाजार में काफी ज्यादा पॉपुलर हैं। यह न सिर्फ पेट्रोल-डीजल की तुलना में सस्ती होती हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर मानी जाती हैं। लेकिन अगर CNG कारों की सुरक्षा और रखरखाव में लापरवाही की जाए तो ये हादसे और धमाके का कारण भी बन सकती हैं। अक्सर CNG कारों में होने वाले धमाकों की वजह कुछ आम गलतियां होती हैं जिन्हें समझना और बचाव करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं वह तीन बड़ी लापरवाही जो CNG कार में धमाके का कारण बन सकती हैं।
CNG किट वह सिस्टम होता है जो आपकी कार को गैस से चलने लायक बनाता है। कई बार लोग महंगी और अच्छी क्वालिटी की जगह सस्ती और बिना प्रमाणित किट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी किटें अक्सर सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरती हैं जिससे गैस का रिसाव (लीक) होने का खतरा बढ़ जाता है। गैस रिसाव जब हवा के संपर्क में आता है और कहीं भी चिंगारी या आग लगती है तो धमाका हो सकता है। इसलिए हमेशा अधिकारिक और प्रमाणित CNG किट ही लगवाएं जिससे किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।
2. समय पर सर्विस और चेकअप न कराना
CNG सिलेंडर में हाई प्रेशर पर गैस भरी होती है। इसलिए इसका सही रखरखाव बेहद जरूरी है। सिलेंडर और उसकी पाइपलाइन को समय-समय पर चेक करवाना जरूरी है, जिससे पता चल सके कहीं रिसाव तो नहीं है। इसके अलावा सिलेंडर की उम्र होती है आमतौर पर यह समय 15 से 20 साल का होता है जिसके बाद इसे बदलना पड़ता है। हर तीन साल में हाइड्रो टेस्ट करवाना अनिवार्य है जिससे सिलेंडर की मजबूती की जांच होती है। अगर सिलेंडर के अंदर केमिकल या कोटिंग खराब हो जाए तो वह रिसाव का कारण बन सकता है। ऐसी स्थिति में सिलेंडर को तुरंत बदलवाना चाहिए। इसके साथ ही CNG कार की नियमित सर्विसिंग भी बहुत जरूरी है ताकि सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
गर्मी के मौसम में CNG सिलेंडर के अंदर दबाव बढ़ जाता है। ज्यादा गर्मी और ज्यादा दबाव मिलकर सिलेंडर को फटने या धमाका करने का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा जब गैस भरवाते हैं तो कई बार सिलेंडर को जरूरत से ज्यादा भर दिया जाता है, इसे ओवरफिलिंग कहते हैं। ओवरफिलिंग से सिलेंडर में असामान्य दबाव बनता है जो खतरनाक हो सकता है। इसलिए गैस भरवाते समय हमेशा प्रतिष्ठित पेट्रोल पंप और कर्मचारी से ही भरवाएं और कार के अंदर न रहें।
सिर्फ अधिकृत और प्रमाणित CNG किट का इस्तेमाल करें। सिलेंडर का समय-समय पर हाइड्रो टेस्ट करवाएं। कार की नियमित सर्विसिंग करवाएं। गर्मी के मौसम में कार को सीधी धूप में न रखें।
गैस भरवाते समय कार के अंदर न रहें और पेट्रोल पंप के नियमों का पालन करें। अगर कहीं गैस की गंध आए या लीक नजर आए तो तुरंत सर्विस सेंटर पर दिखाएं। CNG कार सुरक्षित है लेकिन सुरक्षा के नियमों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। छोटी-छोटी लापरवाहियां बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं। इसलिए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए ऊपर बताए गए नियमों का पालन करें।