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जाहिद का कहना है कि यह घटना उनके लिए हैरानी से भरी जरूर है, लेकिन वह इसे ईश्वर की लीला या प्रकृति की शक्ति मानते हैं। उन्होंने बताया कि गाय और उसका बछड़ा दोनों अभी पूरी तरह स्वस्थ हैं। हालांकि, उन्होंने पशु चिकित्सक को बुलवा लिया है ताकि बछड़े की हालत पर लगातार नजर रखी जा सके।
क्या होता है बाइसेफली
मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक ने बताया कि इस प्रकार की शारीरिक संरचना भ्रूण विकास के समय अतिरिक्त कोशिकाओं के कारण होती है। इसे चिकित्सकीय भाषा में बाइसेफली कहा जाता है जब एक ही शरीर में दो सिर या अतिरिक्त अंग विकसित हो जाते हैं। ऐसी स्थितियों में जीव सामान्य जीवन नहीं जी पाते और ज्यादा समय तक जीवित रहने की संभावना बहुत कम होती है। लोग मान रहे हैं चमत्कार
स्थानीय लोगों में इस बछड़े को लेकर उत्सुकता बनी है। ग्रामीण इसे देवी-देवताओं का चमत्कार मानकर पूजा कर रहे हैं। वे बछड़े के सामने दीप जलाकर हाथ जोड़ रहे हैं और दान-दक्षिणा भी चढ़ा रहे हैं।