होमस्टे और साहसिक खेलों की तैयारी
टेकाड़ी ग्राम पंचायत (techadi hightech village eco tourism) की सबसे बड़ी उपलब्धि यहां ईको टूरिज्म की दिशा में किए जा रहे प्रयास हैं। गांगुलपारा और सातनारी जलप्रपात को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। वर्तमान में छह होम स्टे का संचालन शुरू हो चुका है, जबकि 14 होम स्टे तैयार किए जा रहे हैं, जो मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से संचालित होंगे। पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां जिप लाइन, फास्ट लाइन, एटीवी बाइक राइड, पेंट बॉल, रॉकेट इजेक्टर, स्काई साइकलिंग, गो-कार्टिंग जैसे रोमांचक एडवेंचर स्पोट्र्स शुरू किए जाएंगे। गांगुलपारा से सातनारी जलप्रपात तक ट्रैकिंग ट्रेल और वॉच टावर बनाए जाएंगे। वहीं गांगुलपारा जलाशय में बोटिंग और वॉटर स्पोट्र्स की सुविधा शुरू करने की योजना बनाई गई है।‘टेकाड़ी मॉडल’ को अपनाएं अन्य पंचायतें
प्रदेश के अन्य गांवों के लिए टेकाड़ी पंचायत (balaghat techadi model village) एक आदर्श मॉडल बन सकती है। सीमित संसाधनों में भी नवाचार और योजनाबद्ध विकास कैसे किया जा सकता है, इसका जीवंत उदाहरण टेकाड़ी है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन यदि इस ‘टेकाड़ी मॉडल’ को अन्य पंचायतों में दोहराने का प्रयास करें, तो ग्रामीण विकास की तस्वीर ही बदल सकती है। विशेषकर ईको टूरिज्म, डिजिटल शिक्षा और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में टेकाड़ी की योजनाएं अनुकरणीय हैं।सरपंच रश्मि तारा कावरे से खास बातचीत
प्रश्न: टेकाड़ी को विकसित करने का विचार कैसे आया?उत्तर: हमने देखा कि गांवों में सुविधाओं की कमी के कारण युवा पलायन कर रहे हैं। हमने तय किया कि टेकाड़ी को ऐसा बनाएंगे कि लोग यहां आने को तरसें। नगर जैसी सुविधा, साफ-सफाई और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता बनी।
उत्तर: हमारे पास घने जंगल, गांगुलपारा जलप्रपात, सातनारी जलप्रपात, गांगुलपारा जलाशय जैसे प्राकृतिक धरोहरें हैं। हमने सोचा कि इनका सही उपयोग किया जाए। इससे रोजगार भी मिलेगा और क्षेत्र की पहचान भी बढ़ेगी।
उत्तर: हम गांव में डिजिटल शिक्षा को और मजबूत करना चाहते हैं। हर बच्चे तक कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य है। साथ ही महिला समूहों को भी उद्यम से जोडऩे की योजना है। बुजुर्गों के लिए बगीचा और खेल मैदान बनाने की योजना है।