परमाणु युद्ध के खतरनाक करीब पहुंचने की बात कुबूल
राणा सनाउल्लाह ने यह भी माना कि उस तनाव भरे पल में अगर पाकिस्तान या भारत की सेना ने कोई गलत फैसला लिया होता, तो वैश्विक स्तर पर परमाणु संघर्ष हो सकता था। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बहुत खतरनाक थी और दोनों देशों के बीच परमाणु टकराव होने से दुनिया में भारी तबाही हो सकती थी।ऑपरेशन सिंदूर का पूरा विवरण
भारत ने यह सैन्य अभियान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने नूर खान एयरबेस के साथ-साथ रावलपिंडी के अन्य एयरबेस जैसे सरगोधा, रफीकी, जैकोबाबाद और मुरीद पर भी सटीक हमले किए थे। यह सैन्य कार्रवाई आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों के खिलाफ की गई।पाकिस्तान की कार्रवाई और भारत का करारा जवाब
जब पाकिस्तान ने भारतीय सीमा पर और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर जवाबी हमला किया, तो भारत ने 9 और 10 मई की मध्यरात्रि में इस्लामाबाद के वायुसेना ठिकानों पर हमले कर उसे बड़ा झटका दिया। इसी दौरान नूर खान एयरबेस पर हुए हमले की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पुष्टि की थी।युद्ध विराम और राजनयिक पहल
दोनों देशों ने चार दिन की भीषण लड़ाई के बाद 10 मई को युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए और सभी सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल रोक दिया। बाद में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इस्हाक डार ने स्वीकार किया कि इस्लामाबाद ने भारत से युद्ध विराम के लिए संपर्क किया था। उन्होंने यह भी बताया कि सऊदी प्रिंस फैसल ने पाकिस्तान को भारत से बात करने की सलाह दी थी, ताकि स्थिति शांत की जा सके।ये भी पढ़ें: पाकिस्तान नेपाल के रास्ते भारत में करवा रहा जासूसी, ISI का नया नेटवर्क बेनकाब, 15 से ज्यादा गिरफ्तारियां