यह है पूरा मामला
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार इस नाले से एक दर्जन से अधिक गांवों के बारिश का पानी बहकर चंदन नदी तक वर्षों से होता आ रहा है। यह नाला चिखला जंगल से निकलकर अमई, कन्हारटोल, लालपुर, रामपायली, सिंगोड़ी होता हुआ चंदन नदी में अपने जल को समाहित करता है। एक दर्जन ग्रामों के बाढ़ का पानी गांव में ना घुसकर इस नाले के माध्यम से चंदन नदी में चला जाता है। लेकिन नगर के एक जमींन कारोबार ने अपने प्लांट का निर्माण नाले के उपर कर नाले की दिशा और स्वरूप को बिगाड़ दिया है। ऐसे में खासकर बारिश के दिनों में इन गांव में बाढ़ की स्थिति निर्मित होने के आसार बन रहे हैं।अधिकारियों से की गई शिकायत
बताया गया कि जिस समय प्लांट मालिक जेसीबी से नाले की जमींन पर अतिक्रमण कर उसे सकरा कर रहा था। तब राहगीरों और स्थानीय नागरिकों ने विरोध किया। तब काम तो बंद कर दिया गया था। लेकिन नाले को पुन: अपने स्वरूप में नहीं किया गया। पूरे मामले को लेकर किसान संगठन, आमजन और ग्रामीणों ने कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार शिकायत की थी। लेकिन एक सप्ताह से अधिक का समय हो गया है। अब तक कोई जांच नहीं की गई है।अतिक्रमण का फैल रहा जाल
रामपायली और सिंगोड़ी के ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में जमींन कारोबारी खेती की जमींन को खरीदकर उसमें कॉलोनियों बना रहे हैं। इसके अलावा सरकारी जमींनों पर भी बेजा अतिक्रमण किया जा रहा है। लेकिन राजस्व अधिकारी मौन साधे हुए हैं। कार्रवाई के अभाव में अतिक्रमण का मकडज़ाल बढ़ते जा रहा है। बिना पंचायत की अनुमति के नाले पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। शीघ्र ही कार्रवाई न अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।वर्सन
पंचायत की बिना एनओसी व जानकारी के नाले के उपर अतिक्रमण कर लिया गया है। आने वाले दिनों में गांव में बाढ़ की स्थिति निर्मित होगी। इसको लेकर शिकायत की गई है।
देवनाथ बोपचे, सरपंच सिंगोड़ी
इमरान कुरैशी, तहसीलदार वारासिवनी