6 बजे कार्यालय के लिए निकलते थे संजय मिश्रा
नव निर्वाचित बीजेपी जिला अध्यक्ष संजय मिश्रा ने एक मीडिया चैनल को अपनी दिनचर्या बताया। उन्होंने कहा, “मैं सुबह 6 बजे घर से निकलता था। पार्टी कार्यालय जाता था, ताला खोलता था। उसके बाद, कुर्सी ठीक करके झाड़ू लगाता था। झाड़ू लगाने के बाद मैं स्नान करने के लिए घर आता था और फिर कार्यालय चला जाता था।” उन्होंने कहा, “कभी-कभी कुछ कार्यकर्ता मुझे फोन करके कहते थे कि मेरी बेटी/बेटा आ रहा है तो रात्रि में कार्यालय में विश्राम करेंगे। उस दौरान मैं रात्रि में बिना आलस किए कार्यालय जाता था और ताला खोलता था। यह प्रक्रिया निरंतर कई वर्षों तक चली।”
‘शुरुआती दिनों में मजाक उड़ाते थे लोग’
उन्होंने कहा, “लोग मजाक उड़ाते थे। लोग कहते थे कि ये जो आप कर रहे हैं उसका कोई लाभ नहीं है। मन में कार्यकर्ता का भाव था, इसलिए मैं इन चीजों को नजरअंदाज करता था। मैं परिवार की जरूरतों से पहले संगठन की जरूरतों को रखता था। कभी-कभी मेरे पिताजी मुझसे काफी नाराज भी हो जाते थे। कभी-कभी मेरे पिताजी मेरी पिटाई भी कर देते थे।”