दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने क्या बताया?
आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और दिल्ली के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन पर एफआईआर होने के मामले पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बयान दिया है। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा “केजरीवाल सरकार ने साल 2017-18 में एक निजी कम्पनी ‘बीइएल’ को सीसीटीवी लगाने का 571 करोड़ रूपए का ठेका दिया था। इस प्रोजेक्ट में देर को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार ने साल 2019 में कम्पनी पर 16 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया। जिसे कुछ ही दिन बाद सत्येन्द्र जैन ने 7 करोड़ लेकर माफ कर दिया था।”
वीरेंद्र सचदेवा ने आगे बताया “इस मामले की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने साल 2023 में जांच पूरी कर ली थी। इसमें तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन के खिलाफ सात करोड़ रुपये रिश्वत लेकर 16 करोड़ का जुर्माना माफ करने की जानकारी सामने आई थी। लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार की लीपापोती के चलते उस समय भ्रष्टाचार के इस मामले में एफआईआर नहीं दर्ज हो पा रही थी। अंततः अब एफआईआर हो गई है। हम उम्मीद करते हैं कि सीसीटीवी लगाने के और भी घोटाले अब खुलेंगे।”
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने क्या कहा?
दिल्ली के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे को लेकर
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी अपना बयान दिया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे सतेंद्र जैन के खिलाफ ACB के FIR दर्ज करने को कानून का काम बताया। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा “कानून को अपना काम करना चाहिए और राजनीतिक दोषारोपण से हम कहीं न कहीं कार्रवाई में बाधा डालने की कोशिश करते हैं।”
क्या है आम आदमी पार्टी की सरकार का CCTV प्रोजेक्ट?
दरअसल, साल 2016 में तत्कालीन दिल्ली सरकार ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख CCTV कैमरे लगाने का टेंडर जारी किया था। 571 करोड़ रुपये के भारी भरकम प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी BEL कंपनी को दी गई थी। यह प्रोजेक्ट तय समय पर कंपनी ने पूरा नहीं किया। इसके बाद दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कंपनी पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। एक शिकायत के अनुसार साल 2019 में ही यह जुर्माना माफ कर दिया गया। इसके साथ ही BEL कंपनी को 1.4 लाख कैमरे और स्थापित करने का अतिरिक्त आदेश भी दिया गया। आरोप है कि जुर्माना माफ करने के बदले में दिल्ली के तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन ने कंपनी से सात करोड़ रुपये बतौर रिश्वत लिए थे। यह रिश्वत भुगतान विभिन्न विक्रेताओं के माध्यम से की गई थी। जो आदेश की कीमतों को बढ़ाकर किया गया था।
एंटी करप्शन ब्रांच ने क्या बताया?
ACB के संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया “सभी आरोपों की गहराई से जांच की जाएगी और आरोपी अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। ACB ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि संबंधित दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसके लिए PWD और BEL से संबंधित दस्तावेज प्राप्त किए जा रहे हैं। FIR नंबर 04/2025 के तहत भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7/13(1)(a) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120B के तहत केस दर्ज किया गया है।”