जानकारी के मुताबिक आग की लपटें इतनी तेज थीं कि एक-दो ग्रामीणों के घरों तक पहुंच गई। अगर थोड़ी सी भी देर होती तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। आग पर काबू पाने के बाद ही ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
बता दें कि फसल की कटाई एवं मिंजाई के बाद किसान खेतों की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं। वर्तमान में समय एवं श्रम की बचत के लिए अधिकांश
किसान हार्वेस्टर, थ्रेसर एवं अन्य आधुनिक उपकरणों से धान की फसल की कटाई करते हैं और पैरा की आवश्यकता नहीं होने पर खेतों में जला देते हैं।
ग्राम अर्जुनी में भी कुछ इसी तरह अज्ञात किसान ने अपने खेत में आग लगाई थी, जो तेज हवा के कारण आसपास के 8 से 10 एकड़ खेतों में फैल गई और भयानक रूप लेते हुए बस्ती की ओर पहुंचने लगी। मोहल्लेवासियों ने जैसे-तैसे आग पर काबू पाया।