उसके लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है लेकिन अभी तक शासन से स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में इस बरसात सीजन में इन उपस्वास्थ्य केंद्रों में सीपेज या पानी टपकने की स्थिति निर्मित हो सकती है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग लगातार शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज रहा है ताकि जर्जर भवनों की मरम्मत कराई जा सके। क्योंकि बरसात के दिनों में ही यहां सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
CG Hospital News: स्वास्थ्य अधोसंरचना
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़े के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में हुए भेंट मुलाकात में पूर्व मुख्यमंत्री ने कुल 9 जगहों पर
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उपस्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण व अस्पताल निर्माण की घोषणा की थी, जिसमें मात्र तीन जगहों पर ही काम हुआ। एक काम पूरा व दो कार्य चल रहे हैं लेकिन 6 कार्यों के लिए शासन से राशि ही नहीं मिली है। वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।मरीजों और उनके परिजनों को होगी परेशानी
इन 9 उपस्वास्थ्य केंद्रों के पास स्वयं का भवन नहीं है और भवन विहीन उप स्वास्थ्य केंद्र मनकी, पिनकापार, हड़गहन, गहिरा नवागांव, देवरी, पुराना बाजार दल्ली, मगरदाह, अचौद और उप स्वास्थ्य केंद्र चिचबोड़ शामिल है।
9 स्वास्थ्य केंद्र की स्वीकृति पर राशि का भुगतान नहीं, टेंडर किया निरस्त जिले के 9 उपस्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जो जर्जर तो हैं और इसके निर्माण के लिए बकायदा राशि स्वीकृत भी हो गई है लेकिन राशि का भुगतान नहीं हुआ। इस कारण टेंडर निरस्त किया गया।
आबंटन के अभाव में रुक गया 12 स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक निर्माण एजेंसी सीजीएमएससी द्वारा 12 जगहों पर स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण किया जाना है लेकिन शासन से आबंटन के आभाव में निर्माण रुका हुआ है। सबसे ज्यादा डौंडी ब्लॉक में स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है। इस ब्लॉक में 6 जगहों पर नए उप स्वास्थ्य केंद्र भवन बनाए जा रहे हैं।
राज्य से ही नहीं आ रहा फंड, कब आएगा, इसकी सही जानकारी नहीं मिली जानकारी के मुताबिक निर्माण की स्वीकृति तो जरूर मिली लेकिन बड़ी बात यह है कि स्वीकृति के बाद राशि जारी करने फंड नहीं होने से यह मामला लटक गया है। अब कब तक फंड आएगा और कब तक काम शुरू हो पाएगा। इसकी सही जानकारी भी जिम्मेदार विभाग के पास नहीं है।
सीएमएचओ डॉ. एमके सूर्यवंशी ने कहा की जर्जर केंद्र व जिन
स्वास्थ्य केंद्रों की स्वीकृति हो चुकी है लेकिन राशि नहीं मिली है। ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों का दोबारा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।