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‘मैच हारने के बाद रेफरी को दोष देना नई आदत’: EC का राहुल गांधी पर तीखा हमला, एकनाथ शिंदे और BJP ने भी किया पलटवार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगातार राहुल गांधी के द्वारा लगाया जा रहा है। चुनाव आयोग की तरफ से राहुल गांधी के इस आरोप का एक बार पहले भी सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया गया।

पटनाJun 07, 2025 / 09:20 pm

Shaitan Prajapat

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Photo – IANS)

देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच टकराव एक बार फिर खुलकर सामने आया है। राहुल गांधी ने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कथित धांधली के आरोप लगाते हुए इसे ‘चुनाव कैसे चुराया जाए?’ नाम दिया। उनके इस बयान और आरोपों पर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और उन्हें ‘नई आदत’ करार देते हुए कहा है कि मैच हारने के बाद रेफरी को दोष देना अब एक बेतुकी आदत बन गई है।

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राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने एक अंग्रेजी अखबार में छपे ‘मैच फिक्सिंग महाराष्ट्र’ शीर्षक वाले लेख को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की एक सुनियोजित योजना थी। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने चुनावी प्रक्रिया को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए सुनियोजित साजिश रची और अब यही योजना बिहार में भी दोहराई जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अंतिम दो घंटों में मतदान की असामान्य संख्या से यह साबित होता है कि चुनाव में गड़बड़ी हुई।

राहुल के बयान को एकनाथ शिंदे ने बताया ‘फर्जी’

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी के बयानों को ‘फर्जी’ करार देते हुए कहा कि जब महा विकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र में अच्छा प्रदर्शन किया था तब राहुल गांधी ने ईवीएम या चुनाव आयोग पर सवाल नहीं उठाए थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता जानती है कि कौन काम कर रहा है और आने वाले चुनावों में राहुल गांधी को जवाब देगी।

बीजेपी ने किया पलटवार

भाजपा प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने भी राहुल गांधी के बयानों को हार की हताशा बताया और कहा कि बिहार यात्रा के बाद उन्हें अपनी संभावित हार का अहसास हो गया है, इसलिए वे ऐसे निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस या उसके सहयोगी कर्नाटक, हिमाचल या तेलंगाना में जीतते हैं, तब ये मुद्दे नहीं उठते।
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कानून का अपमान और लोकतंत्र के लिए जहर: चुनाव आयोग

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके द्वारा उठाए गए सभी सवालों का सिलसिलेवार जवाब 24 दिसंबर 2024 को पहले ही दिया जा चुका है। यह जवाब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। आयोग ने राहुल गांधी के बयानों को बेबुनियाद, कानून का अपमान और लोकतंत्र के लिए जहर बताया।

राहुल गांधी का दावा बिल्कुल गलत

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी का यह दावा कि अंतिम दो घंटों में 65 लाख वोट डाले गए, तथ्यात्मक रूप से गलत है। आयोग के अनुसार, 7 बजे से 6 बजे तक कुल 6.4 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डालने पहुंचे थे, और औसतन हर घंटे 58 लाख वोट डाले जा रहे थे। ऐसे में अंतिम दो घंटे में 1.16 करोड़ मतदाताओं का मतदान करना पूरी तरह संभव था।
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मतदान एजेंटों और राजनीतिक दलों की उपस्थिति में हुआ मतदान

आयोग ने यह भी बताया कि मतदान एजेंटों और राजनीतिक दलों की उपस्थिति में मतदान हुआ और कांग्रेस द्वारा नियुक्त एजेंटों ने न तो चुनाव पर्यवेक्षकों और न ही रिटर्निंग अधिकारियों के समक्ष किसी प्रकार की असामान्यता की शिकायत दर्ज कराई। मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों पर आयोग ने कहा कि यह सूची पूरी पारदर्शिता के साथ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार तैयार की गई थी और सभी दलों को अंतिम प्रति प्रदान की गई थी।

चुनाव आयोग ने बताया, लोकतंत्र की संस्थाओं पर हमला

चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह के निराधार आरोप देश के लोकतांत्रिक ढांचे और कानून के शासन का अपमान हैं। आयोग ने साफ किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ स्तर पर 1.03 लाख एजेंट तैनात थे, जिनमें कांग्रेस के 27,099 प्रतिनिधि भी शामिल थे। ऐसे में अगर कोई गड़बड़ी होती तो उनकी तरफ से शिकायत अवश्य आती।
आयोग ने यह भी कहा कि ऐसी टिप्पणियां न केवल लोकतंत्र की संस्थाओं को बदनाम करती हैं, बल्कि उन लाखों चुनाव कर्मचारियों के मनोबल को भी तोड़ती हैं जो निष्पक्षता से चुनाव कराने में अपनी भूमिका निभाते हैं।

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