उधर, गांव में हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि कई घरों में अब भी मरीज हैं। कई झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहे हैं। कई जानकारी के अभाव में इलाज करवाने से ही कतरा रहे हैं। परिवार में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, तब डॉक्टरों का रूख कर रहे हैं। ऐसे मे ज्यादातर नाजुक स्थिति में अस्पताल पहुंच रहे हैं। गांव में स्वास्थ्य अमले की ओर से इलाज के लिए कोई शिविर नहीं लगाया गया है।
CG News: संक्रमण बढ़ने का खतरा
प्रशासन को अब तक
संक्रमण के सोर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जब तक इसका पता नहीं चलेगा, गांव में संक्रमण बढ़ने का खतरा बना रहेगा। प्रशासन के पास बीमारी फैलने की वजहों से लेकर इसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं है।
बारिश में मौसमी बीमारियां फैलने की बढ़ती आशंका के बीच आगे गांव में स्थिति और खराब हो सकती है। गौरतलब है कि कलेक्टर अपनी टीएल बैठकों कमें लगातार स्वास्थ्य महकमे को मौसमी बीमारियों से बचाव के निर्देश देते आए हैं, लेकिन बिटकुली की हालत ने विभाग के तमाम दावों की कलई खोल दी है।
सैंपल लिया, 22 किमी दूर भेजने में 24 घंटे लगेंगे
सुहेला तहसील में पिछले साल करेली सकरी गांव में भी डायरिया का प्रकोप फैला था। मामला हाइलाइट हुआ, तो प्रशासन ने जांच के लिए टीमें भेजी। बिटकुली से मरीजों के आने का सिलसिला तीन दिनों से जारी है। पहले दिन 4, दूसरे दिन 9 और तीसरे दिन 13 मरीज सामने आए। मामला हाइलाइट नहीं हुआ, तो सैंपल भेजने तक में हद दर्जे की लापरवाही हो रही है। गांव से पानी का नमूना बुधवार को लिया गया, लेकिन महज 22 किमी दूर बलौदाबाजार भेजने के लिए भी अमले को एक दिन इंतजार है। गुरुवार को सैंपल भेजा जाएगा। डॉक्टरों की ही मानें तो रिपोर्ट आने में 72 घंटे का समय लग सकता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार, जानिए…
आनंद यादव, जिलाध्यक्ष, भाजपा: डॉक्टरों की सतत निगरानी में मरीजों का इलाज हो रहा है। सीएमएचओ से भी चर्चा हुई है। हालात गंभीर हुए, तो गांव में शिविर लगाएंगे। किसी भी मरीज की उपेक्षा नहीं होगी। दौलत पाल, अध्यक्ष, जनपद पंचायत सिमगा: मुझे जैसे ही सूचना मिली, मैं स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। मरीजों से मिला। डॉक्टरों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। शिविर लगाने और पानी की जांच के आदेश दिए गए हैं।
डॉ. मनोहर लाल ध्रुव, स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी: गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जाएगा। उच्चाधिकारियों से आदेश के अभाव में अब तक शिविर नहीं लग पाया है। आदेश मिलते ही शिविर लगाया जाएगा।
पिछले साल भी पूरे जिले में 1213 केस, सबसे ज्यादा बलौदाबाजार में
CG News:
बलौदाबाजार में डायरिया ने पिछले साल भी जमकर कोहराम मचाया था। जिलेभर से 1213 केस सामने आए थे। इनमें बलौदाबाजार ब्लॉक से ही सबसे ज्यादा 535 मरीज मिले थे। इनके बाद सबसे ज्यादा पलारी में 273, सिमगा में 186, कसडोल में 127 और भाटापारा से 92 केस सामने आए थे।
हर साल इसी तरह की स्थिति बनने के बाद भी नगरीय निकायों से ग्राम पंचायतों में समय-समय पर पीने के पानी की जांच का कोई इंतजाम नहीं किया है। पहले ग्रामीणों को अस्पतालों से क्लोरीन की टैबलेट और ब्लीचिंग पाउडर मिल जाया करता था। उसे भी अब बंद कर दिया गया है।