बांदा महोत्सव: मनोरंजन और नई पहचान
बांदा महोत्सव इस बार जोर-शोर से आयोजित हो रहा है। बॉलीवुड कलाकारों की चमक, कॉमेडियन्स की हंसी-ठिठोली और बुंदेलखंडी गीतों की मिठास ने लोगों का दिल जीत लिया है। इससे साफ पता चलता है कि,बांदा ने प्रदेश भर में एक अलग पहचान बनाई है। स्थानीय निवासी स्थानीय भाजपा के सभासद अवनीश ने कहा, “यहां आकर ऐसा लगता है जैसे सारा मनोरंजन एक छत के नीचे मिल गया। देश के चर्चित कवि कवि सुरेन्द्र शर्मा, नीलोत्पल मृडाल, मणिका दुबे, हास्य के मशहूर कवि सुनील भोला, जय अवस्थी, राहुल शर्मा पंडित सुनील शौम्य साथ ही “बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन सुनील पाल और राजन श्रीवास्तव बॉलीवुड के मशहूर सिंगर उस्मान मीर,युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई इस महोत्सव में अपनी पसंद का कुछ न कुछ पा रहा है, वही बांदा महोत्सव में संबंधित उच्च अधिकारियों से लेकर सत्ता पक्ष के नेता से लेकर विपक्ष के नेता और जनपद के पत्रकारों से लेकर हजारों की भीड़ बांदा महोत्सव के आयोजन उपस्थित हुए।
राजन जी की कथा:आस्था की गंगा
दूसरी ओर, विश्व प्रसिद्ध कथावाचक राजन जी की कथा ने धार्मिक माहौल को और गहरा कर दिया है। उनकी मधुर वाणी और प्रेरक उद्बोधन सुनने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। एक श्रोता, दयाराम निषाद ने बताया, “राजन जी की कथा सुनकर मन को शांति मिलती है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि वे बांदा आए।” उनकी कथा की सराहना सोशल मीडिया से लेकर गली-मोहल्लों तक हो रही है।
उदित राज का दौरा: राजनीति की हलचल
इन सबके बीच डॉ. उदित राज का बांदा दौरा राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है। दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक और आदिवासी असंगठित श्रमिकों के मुद्दों को उठाने वाले इस कांग्रेस नेता के कार्यक्रम में समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता अजय सिंह ने कहा, “डॉ. उदित राज का आना हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कार्यक्रम बांदा में राजनीतिक चेतना को नई दिशा देगा, तो वही इस कार्यक्रम के दौरान सैकड़ो कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे।।”
बांदा वासियों की जुबानी: “सब कुछ है पास”:
तीनों कार्यक्रमों का यह अनोखा संगम बांदा वासियों के लिए एक सुनहरा मौका बन गया है। लोग इसे अपनी पसंद के हिसाब से जोड़कर देख रहे हैं। एक स्थानीय निवासी, पत्रकार मनोज धुरिया, हमारे संवाददाता पंकज कश्यप से बात करते हुए,हंसते हुए कहा, ” यदि कोई धार्मिक है तो विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक राजन जी की कथा सुनेगा, कोई कांग्रेस की राजनीति में रुचि रखता है तो उदित राज के पास जाएगा, और जो मस्ती करना चाहता है, वह महोत्सव में पहुंचेगा। बांदा में मानो धरती का सारा सुख मिल गया।” यह विविधता ही बांदा को खास बना रही है।
एक शहर, तीन रंग:
यह संयोग न सिर्फ अद्भुत है, बल्कि मजेदार भी है। जहां बांदा महोत्सव में लोग हंसी-खुशी के साथ झूम रहे हैं, वहीं राजन जी की कथा में आध्यात्मिकता की गहराई है, और उदित राज का दौरा राजनीतिक जागरूकता का संदेश दे रहा है। यह त्रिवेणी संगम बांदा को चर्चा का केंद्र बना रहा है। लोग कहते हैं, “बांदा में ऐसा पहली बार हुआ है कि हर दिल की पसंद का कुछ न कुछ मौजूद है।”
बांदा के लिए एक विशेष पहचान:
बांदा के इस अनोखे संगम ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को एकजुट किया, बल्कि पूरे बुंदेलखंड में एक नई मिसाल कायम की है। सवाल यह है कि क्या यह संयोग भविष्य में भी बांदा की पहचान बनेगा? फिलहाल तो बांदा वासी इस त्रिरंगी माहौल का भरपूर लुत्फ उठा रहे हैं। पंकज कश्यप की रिपोर्ट