21 मौतों में से पांच 19-25 आयु वर्ग के थे और आठ 25-45 आयु वर्ग के थे। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार हासन जिले में बीते दो वर्षों में सामने आए हृदयघात के 507 मामलों में से 190 गंभीर थे।
जयदेव अस्पताल में जांच कराने वालों की कतार दिल के दौरे के मामलों में खतरनाक वृद्धि के कारण बेंगलूरु के जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च में हृदय संबंधी जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।स्वास्थ्य मंंत्री दिनेश गुंडूराव ने कहा कि जयदेव अस्पताल के निदेशक डॉ. रवींद्रनाथ के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है।
गहन समीक्षा की आवश्यकता 18 दिल के दौरे से हुई मौतों के बारे में विभाग के शुरुआती निष्कर्षों से पता चला है कि मृतकों में से नौ 55 वर्ष से अधिक उम्र के थे और उन्हें अन्य बीमारियां भी थीं। पांच की उम्र 20 के आसपास थी (जिनमें से चार की मौत बेंगलूरु में हुई थी, लेकिन वे मूल रूप से हासन के थे)। कुछ मामलों में टाइप-1 डायबिटीज और पुरानी बीमारियां जैसे कारक मौजूद थे। शुरुआती 18 में से 19 मौतें घर पर ही हुईं, जिसके कारण पिछले मेडिकल रिकॉर्ड की गहन समीक्षा की आवश्यकता थी।
कई कारण हासन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के विशेषज्ञों के अनुसार इन मौतों के पीछे अन्य स्वास्थ्य कारणों के अलावा, आनुवंशिक कारण भी हो सकते हैं, जो आबादी में हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं। चाहे वह आनुवंशिक कारण हो या अन्य अनियंत्रित स्वास्थ्य समस्या आदि, इन नौ मामलों में हमने रिपोर्ट मांगी है।
10 दिनों में मांगी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव हर्ष गुप्ता ने बताया कि फरवरी में कोविड-19 और हृदय संबंधी घटनाओं के बीच संभावित संबंधों की जांच के लिए शुरू की गई समिति को अब विशेष रूप से हासन की सभी मेडिकल रिपोर्टों की समीक्षा करने और 10 दिनों के भीतर अपने व्यापक निष्कर्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।