प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बालदंडी ने बताया कि 14 मार्च को मलवल्ली के एक समूह ने होली समारोह के बाद में बचा हुआ खाना स्कूल के छात्रावास में 30 छात्रों को वितरित किया था। इन 30 छात्रों में से 24 मेघालय के हैं जबकि बाकी स्थानीय हैं। भोजन करने के दिन किसी भी छात्र ने बेचैनी, दर्द या बीमारी की शिकायत नहीं की। हालांकि, अगले दिन छह छात्रों ने पेट दर्द की शिकायत की और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मंड्या के जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) मोहन के अनुसार शनिवार को उल्टी और दस्त सहित खाद्य विषाक्तता के लक्षण सामने आए, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्कूल का दौरा किया, उपचार प्रदान किया और अधिकारियों को किसी भी आपात स्थिति में उनसे संपर्क करने के लिए सूचित किया। इसके बाद कोई संकट कॉल नहीं आया। रविवार को केरलांग अचानक बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल में भर्ती 28 छात्रों में से सात की हालत गंभीर है और एक वेंटिलेटर पर है।
मोहन ने कहा, छात्रों के अलावा, दावत में भाग लेने वाले लगभग 30 से 40 अन्य लोगों को भी खाद्य विषाक्तता के लक्षण के बाद मंड्या, मैसूरु और अन्य स्थानों के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिकारी ने कहा कि भोजन का नमूना मिलना मुश्किल होगा क्योंकि शुक्रवार को भोजन तैयार किया गया था। लेकिन हम सामग्री के नमूने लेंगे और उनका परीक्षण करेंगे। भोजन एक स्थानीय कैटरर से मंगवाया गया था।
बिना अनुमति चल रहा था छात्रावास बालदंडी ने बताया कि 1989 से चल रहे इस स्कूल के पास छात्रावास की अनुमति नहीं थी। स्कूल प्रबंधन बच्चों के लिए शौचालय सहित उचित बुनियादी ढांचे के बिना स्कूल भवन की पहली मंजिल पर अवैध रूप से छात्रावास का संचालन कर रहा था। स्कूल में एलकेजी से कक्षा 8 तक कुल 202 छात्र पढ़ते हैं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 286 और 106 के तहत मामला दर्ज कर तीन लोगों- रसोइए, वार्डन और स्कूल मालिक को गिरफ्तार किया है।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या Chief Minister Siddaramaiah ने घटना पर दुख जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का आश्वासन दिया। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि मंड्या के जिलाधिकारी को बच्चों के इलाज और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, बाहरी भोजन परोसने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर बच्चों के लिए। लापरवाही से अनमोल जान नहीं जानी चाहिए।
इलाज प्राथमिकता जिलाधिकारी डॉ. कुमार ने बताया कि 15 मार्च को सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल school का दौरा किया। 30 बच्चों को फूड पॉइजनिंग हुई, जिसमें एक की मौत हो गई। आठ छात्रों को मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में स्थानांतरित किया गया है, बाकियों को भी स्थानांतरित करने के आदेश हैं। इलाज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही स्कूल की सुविधाओं, अनुमतियों और भोजन आपूर्तिकर्ता की जांच और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।