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बैंगलोर

हर चुनौती को विकास का अवसर मानें : राज्यपाल गहलोत

राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वयं प्लेटफॉर्म के माध्यम से ओडीएल और ओएल को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं और प्रमुख संस्थानों से उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम पेश कर रही है।

बैंगलोरMar 28, 2025 / 03:14 pm

Nikhil Kumar

-केएसओयू ने मनाया 20 वां दीक्षांत समारोह

बेंगलूरु.

राज्यपाल थावरचंद गहलोत Thawar Chand Gehlot ने गुरुवार को कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय Karnataka State Open University (केएसओयू) के 20वें दीक्षांत समारोह में छात्रों से चुनौतियों को स्वीकार करने और सफलता के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। स्नातकों को अपने सपनों को कभी न छोडऩे के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष और असफलताएं उपलब्धि की सीढिय़ां हैं और हर चुनौती को विकास का अवसर मानना चाहिए।
नवाचार और अनुकूलनशीलता सफलता की कुंजी

समाज को आकार देने में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, आज के डिजिटल युग digital age में डेटा विज्ञान और उन्नत प्रौद्योगिकियां दुनिया को फिर से परिभाषित कर रही हैं। नवाचार और अनुकूलनशीलता सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने निरंतर सीखने, रचनात्मकता और नेतृत्व विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।राज्यपाल गहलोत ने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अनगिनत छात्रों को उनकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक आकांक्षाओं को प्राप्त करने में सशक्त बनाने के लिए केएसओयू को सराहा।
पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर

स्वतंत्रता के बाद भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर बोलते हुए, उन्होंने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति पर प्रकाश डाला। पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी जोर दिया और जल, जंगल और हवा की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया।
तब तक मत रुको

राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए स्नातकों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने उनसे एक भारत श्रेष्ठ भारत और स्वावलंबी भारत के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा, उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
वैश्विक स्तर पर दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा में अभूतपूर्व वृद्धि : तिवारी


राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी Atul Kumar Tiwari ने दीक्षांत भाषण देते हुए कहा कि मुक्त विश्वविद्यालयों सहित दूरस्थ शिक्षा के लिए नामांकन उच्च शिक्षा में कुल नामांकन का लगभग 10.62 प्रतिशत है।
वैश्विक स्तर पर मुक्त दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) और ऑनलाइन शिक्षा (ओएल) में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। दुनिया भर के देश कौशल अंतर को पाटने और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मांगों को पूरा करने के लिए ओडीएल और ओएल को अपनी राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों में एकीकृत कर रहे हैं।
कर्नाटक में अपने कार्यकाल के दौरान अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर करने के अपने अनुभव को याद करते हुए, तिवारी ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय समग्र जीईआर (सकल नामांकन अनुपात) में उल्लेखनीय योगदान देते हैं और समावेशी शिक्षा, आजीवन सीखने को बढ़ावा देते हैं, जिससे व्यक्ति गतिशील नौकरी बाजार में कौशल बढ़ाने और फिर से कौशल हासिल करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने केएसओयू और मैसूरु विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कौशल विकास कार्यक्रम पेश करने की अपने विभाग की योजनाओं को साझा किया।

उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम


तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वयं प्लेटफॉर्म के माध्यम से ओडीएल और ओएल को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं और प्रमुख संस्थानों से उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम पेश कर रही है।

शोधकर्ताओं के लिए लाखों डिजिटल संसाधन उपलब्ध


उन्होंने बताया, एनईपी-2020 National Education Policy के तहत परिकल्पित राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय का उद्देश्य निर्बाध शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए ऑनलाइन और खुले शिक्षण संसाधनों को एकीकृत करना है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम और कौशल भारत मिशन रोजगार में सुधार के लिए प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है। भारत की राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए लाखों डिजिटल संसाधन प्रदान करती है।
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद जैसी नियामक संस्थाएं अकादमिक ज्ञान और उद्योग कौशल के बीच की खाई को पाटने की दिशा में काम कर रही हैं।


ज्ञान के प्रसार में क्रांतिकारी बदलाव
प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्लेटफॉर्म, वर्चुअल कक्षाओं, ऑनलाइन संसाधनों में तेजी से हुई प्रगति ने ज्ञान के प्रसार में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देश के हर कोने और उससे आगे तक पहुंचे।
दीक्षांत समारोह के दौरान सी.एम. इरफानुल्लाह शरीफ और डॉ. दक्षयिनी एस. अप्पा को समाज में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए मानद उपाधियों से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. शरणप्पा वी. हालसे तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

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