पंडित कमलेश तिवारी, पं. राजेंद्र उपाध्याय व पं प्रभात मिश्र ने ऋषिकेश पंचांग का हवाला देते बताया कि 16 जनवरी से लेकर 14 मार्च तक कुल 38 दिन शहनाई बज सकेगी। 14 मार्च को मीन राशि में सूर्य प्रवेश करने के साथ खरमास आरंभ हो जाएगा, जो 14 अप्रैल को खत्म होगा। एक माह के इंतजार के बाद फिर 14 अप्रेल से 7 जून तक विवाह बंधन में बंध सकेंगे। आठ जून से गुरु के पश्चिम में अस्त हो जाने से विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। छह जुलाई को हरिशयनी एकादशी मनाई जाएगी और 7 जुलाई से भगवान विष्णु के निंद्रा में जाने के कारण चातुर्मास शुरू हो जाएगा। ऐसे में इस बार पांच माह तक विवाह आदि मांगलिक कार्य करने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। एक नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद फिर मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे मगर शादी के बंधन में बंधने के लिए 20 दिन और इंतजार करना पड़ेगा । 21 नवंबर को विवाह मुहूर्त शुरू होने के बाद शादी-विवाह प्रारंभ होंगे, जिसका सिलसिला छह दिसम्बर तक चलेगा। इसके बाद 15 दिसम्बर से एक माह का खरमास शुरू हो जाएगा।