scriptछात्रों के बीच आत्महत्या दर को कम करने में सहायक हो सकता है एसपीपी | Patrika News
बैंगलोर

छात्रों के बीच आत्महत्या दर को कम करने में सहायक हो सकता है एसपीपी

इसे अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी लागू करने की आवश्यकता है।

बैंगलोरApr 13, 2025 / 06:16 pm

Nikhil Kumar

suicide

suicide

परीक्षा परिणामों exam results के बाद आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए उडुपी जिले के लगभग 10 प्री यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेजों ने आत्महत्या रोकथाम कार्यक्रम (एसपीपी) लागू किया है। एसपीपी मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक मॉड्यूल है।
मैसूरु के जेएसएस मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग Department of Psychiatry के प्रोफेसर किशोर एम. राव ने कहा कि एसपीपी को किसी भी शैक्षणिक संस्थान में लागू किया जा सकता है। एसपीपी का उद्देश्य शिक्षकों को जोखिम ग्रस्त छात्रों की पहचान करने तथा उपचारात्मक हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए उपकरणों से लैस करना है।
एसपीपी के विकास में शामिल शोधकर्ताओं ने इंडियन जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल मेडिसिन में प्रकाशित एक लेख में बताया कि शैक्षणिक संस्थान में एक सहायक वातावरण छात्रों के बीच आत्महत्या suicide की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आत्महत्या के लक्षणों को समझने में शिक्षक teacher सबसे सहायक स्रोत हैं और वे छात्रों में इन लक्षणों को शुरुआती चरण में ही पहचान सकते हैं। शिक्षकों द्वारा दी गई काउंसलिंग छात्रों में आत्महत्या की दर को कम करने में मदद करती है। शिक्षकों को इसमें सक्षम बनाने के लिए एसपीपी शुरू किया गया।
प्रो. किशोर के बताया कि एसपीपी को बीते वर्ष जून में उडुपी जिले में आयोजित एक कार्यशाला के दौरान 72 पीयू कॉलेजों के साथ साझा किया गया था। 10 कॉलेजों ने इसे अपनाया। इसे अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी लागू करने की आवश्यकता है।

Hindi News / Bangalore / छात्रों के बीच आत्महत्या दर को कम करने में सहायक हो सकता है एसपीपी

ट्रेंडिंग वीडियो