scriptराज्य सरकार की नई समुद्री नीति में द्वीप विकास की योजना, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के प्रयास | Under the new maritime policy of the state government, island development plans are being made and efforts are being made to promote tourism and employment. | Patrika News
बैंगलोर

राज्य सरकार की नई समुद्री नीति में द्वीप विकास की योजना, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के प्रयास

नई समुद्री विकास नीति के तहत राज्य सरकार ने पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए अपने तटीय और नदी के द्वीपों की अप्रयुक्त क्षमता का दोहन करना चाहती है। 1 जनवरी 2025 से लागू हुई यह नीति 2014 की कर्नाटक लघु बंदरगाह विकास नीति की जगह टिकाऊ और व्यापक समुद्री क्षेत्र के विकास पर केंद्रित है।

बैंगलोरJan 19, 2025 / 10:49 pm

Sanjay Kumar Kareer

meritime-board
बेंगलूरु. नई समुद्री विकास नीति के तहत राज्य सरकार ने पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए अपने तटीय और नदी के द्वीपों की अप्रयुक्त क्षमता का दोहन करना चाहती है। 1 जनवरी 2025 से लागू हुई यह नीति 2014 की कर्नाटक लघु बंदरगाह विकास नीति की जगह टिकाऊ और व्यापक समुद्री क्षेत्र के विकास पर केंद्रित है।
राज्य ने समुद्री बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 13 स्थानों की पहचान की है, जिनमें कारवाडृ, बेलेकेरी, मालपे, पाडुबिद्री और पुराना मैंगलोर बंदरगाह शामिल हैं। 320 किलोमीटर लंबी तटरेखा पर 106 द्वीपों के साथ, कर्नाटक का लक्ष्य इन द्वीपों को पर्यटन और आर्थिक केंद्रों में बदलना है।
कर्नाटक समुद्री बोर्ड (केएमबी) के अनुसार, राज्य के द्वीपों में एक आबाद सुलभ द्वीप, 46 सुलभ निर्जन द्वीप और 56 दुर्गम निर्जन द्वीप शामिल हैं, साथ ही कई अनाम चट्टानी संरचनाएं भी हैं।कर्नाटक का द्वीप मास्टर प्लान
इस परिवर्तन को दिशा देने के लिए, केएमबी परिवहन, उपयोगिताओं और सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की रूपरेखा तैयार करते हुए “कर्नाटक का द्वीप मास्टर प्लान” तैयार करेगा। इस योजना का उद्देश्य कर्नाटक के द्वीपों को पर्यटन और सहायक आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।
नीति में संभावित विकास के लिए नेत्रानी, सेंट मैरी और अंकोला कूर्व जैसे कई प्रतिष्ठित द्वीपों पर प्रकाश डाला गया है। इसमें कावेरी, कृष्णा और तुंगभद्र जैसी नदियों पर क्रूज और हाउसबोट अनुभव प्रदान करने का भी प्रस्ताव है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों पर्यटकों को आकर्षित करेगा। उच्च खर्च करने वाले यात्रियों को आकर्षित करने के लिए, सरकार लक्जरी तटीय रिसॉर्ट, फ्लोटिंग मनोरंजन पार्क और अन्य प्रीमियम आकर्षण विकसित करने की योजना बना रही है।

पेट्रोकेमिकल्स सीईजेड बनाने पर फोकस

पर्यटन से परे, नीति ग्रीनफील्ड बंदरगाह विकास, मत्स्य पालन, औद्योगिक विकास और अक्षय ऊर्जा पहलों, जैसे कि निकट-तटीय पवन फार्मों पर केंद्रित है। इसके अतिरिक्त, राज्य का लक्ष्य कंेद्र सरकार की सागरमाला परियोजना के तहत दक्षिण कन्नड़ और उत्तर कन्नड़ जिलों में पेट्रोकेमिकल्स के लिए तटीय आर्थिक क्षेत्र (सीईजेड) स्थापित करना है।

निजी भागीदारी प्रोत्साहित करने पर जोर

नीति में जोर दिया गया है, समुद्री विकास नीति का जोर प्रभावी निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने और परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन पर होगा। तटीय पर्यटन के जोर पकडऩे के साथ, नई नीति से आर्थिक अवसरों के द्वार खुलने और कर्नाटक के विकास में समुद्री क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने की उम्मीद है।

Hindi News / Bangalore / राज्य सरकार की नई समुद्री नीति में द्वीप विकास की योजना, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के प्रयास

ट्रेंडिंग वीडियो