पुलिस के अनुसार गत 20 मई की रात हुई वारदात को लेकर मृतका बिपासा के पिता जरकनिया निवासी लालिया पुत्र कालिया निनामा ने 24 मई को रिपोर्ट दी थी। इसमें उसने बताया कि कुछ समय से गरनावट निवासी उसके प्रेमी प्रदीप निनामा के साथ रह रही उसकी 19 वर्षीया बेटी बिपासा तीन-चार दिन से गायब है। लालिया ने बेटी की की हत्या का अंदेशा जाहिर किया।
मामले को पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला ने गंभीर लेकर दिशा-निर्देश दिए। इस पर सीओ घाटोल महेंद्र कुमार मेघवंशी के निकटतम पर्यवेक्षण में थानाधिकारी प्रवीण सिंह सिसोदिया की टीम ने तलाश कर प्रदीप को खमेरा क्षेत्र के अमरपुरा से उसके रिश्तेदार के घर से डिटेन किया। शुरुआत में मनगढ़ंत कहानियां सुनाने के बाद उसने बिपासा के फंदा लगाकर आत्महत्या करने और भांजगड़े में पैसे नहीं देने पड़े, इसलिए लाश दफनाना बताया।
तब उसके खेत से चार दिन पुरानी लाश निकलवाई गई। मामले में तीन दिन तक तफ्तीश के बाद पुलिस सचाई तक पहुंची और आरोपी प्रदीप को गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई दल में एएसआई मेघराज, हेड कांस्टेबल महेंद्रपाल सिंह, नवलकिशोर, कांस्टेबल अंबालाल, गोपालसिंह, सीताराम, कल्याणसिंह और चालक कांस्टेबल शंभुसिंह शामिल रहे।
पहले बताया कहीं चली गई, फिर बताई खुदकुशी
शुरुआती पूछताछ में प्रदीप ने यह कहकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की कि बिपासा उसे बिना बताए कहीं पर चली गई। फिर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ पर उसने बताया कि वह और बिपासा करीब चार-पांच महीने से बिना विवाह किए साथ रहते थे। 20 मई की रात उसने ओडनी से फंदा लगाकर घर में आत्महत्या कर ली तो सामाजिक भांजगडे में राशि नहीं देनी पड़े, इसलिए उसने लाश खेत मे दफना दी।
पोस्टमार्टम से पुष्टि के बाद उगला सच
पुलिस शुरुआत से ही मान रही थी कि केस आत्महत्या का नहीं है। फिर मृतका की जीभ बाहर निकली होने और पोस्टमार्टम से दम घुटने से मौत की पुष्टि पर पुलिस की पूछताछ जारी रही तो आखिर प्रदीप टूट गया। उसने बताया कि विपाशा आए दिन किसी से मोबाइल पर बात करती थी। विरोध कर एवं कई बार समझाया पर नहीं मानी। 20 मई की रात उसके मोबाइल पर एक लड़के का फोन आया। पूछा कि किसका फोन है तो उसने नंबर डिलीट कर गुस्से में थप्पड़ मार दिया। फिर हाथापाई हो गई तो उसने गला दबा कर हत्या कर दी। उस रात वह लाश के पास ही सो गया। सुबह घर पर ताला लगाकर गया और भाई प्रवीण को घटना बताई। शाम को प्रवीण घर लौटा तो दोनों ने योजना बनाकर रात को करीब 11-12 बजे मिल कर खेत में गड्ढा खोदा और बाइक पर शव ले जाकर दफना दिया।