सुप्रीम कोर्ट के खाली पद भरेंगे नए जज
इन तीनों न्यायाधीशों की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में रिक्त हुए पद भरे जाएंगे, जो पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए. एस. ओका के रिटायर होने के कारण खाली हुए थे। इनकी शपथ ग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण कार्यशील क्षमता फिर से 34 न्यायाधीशों तक पहुंच जाएगी। हालांकि, यह स्थिति कुछ दिनों के लिए ही रहेगी, क्योंकि न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी 9 जून 2024 को रिटायर होने वाली हैं।
कौन हैं न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया
न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया ने 25 फरवरी 2024 को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। उनका जन्म 23 मार्च 1965 को अहमदाबाद में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1989 में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ, अहमदाबाद से विधि में स्नातकोत्तर (LL.M.) की डिग्री प्राप्त की। न्यायमूर्ति अंजारिया ने अगस्त 1988 में गुजरात हाईकोर्ट में वकालत शुरू की और 21 नवंबर 2011 को गुजरात हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। 6 सितंबर 2013 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। उनका अनुभव संवैधानिक मुद्दों, सिविल मामलों, श्रम कानून और सेवा संबंधी मामलों में गहरा है।
न्यायमूर्ति विजय विश्नोई
न्यायमूर्ति विजय विश्नोई ने 5 फरवरी 2024 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने 8 जनवरी 2013 को राजस्थान हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पद ग्रहण किया था और 7 जनवरी 2015 को स्थायी न्यायाधीश बने।
न्यायमूर्ति ए. एस. चंदुरकर का सफर
न्यायमूर्ति ए. एस. चंदुरकर का जन्म 7 अप्रैल 1965 को हुआ था। उन्होंने पुणे के सेंट विन्सेंट हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, इसके बाद नेस वाडिया कॉलेज से स्नातक की डिग्री और आईएलएस लॉ कॉलेज, पुणे से विधि स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने 21 जुलाई 1988 को वकालत शुरू की और 1992 में नागपुर स्थानांतरित हो गए। न्यायमूर्ति चंदुरकर को 21 जून 2013 को बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।