RGHS : चिकित्सा विभाग की सख्ती, अब AI से होगी निजी अस्पतालों में आरजीएचएस की मॉनिटरिंग
RGHS Update : राजस्थान के चिकित्सा विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से निजी अस्पतालों में आरजीएचएस की मॉनिटरिंग होगी। जानें ऐसा क्यों हुआ।
RGHS Update : राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) से संबंधित प्रदेश के निजी अस्पतालों पर चिकित्सा विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इनकी धरपकड़ के लिए विभाग अब एआई का उपयोग करेगा। यहां तक की विभाग की ओर से गठित की गई एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित विशेष ऑडिट सेल ने धरपकड़ शुरू कर दी है। विभाग ने यह कदम निजी अस्पतालों के द्वारा प्रस्तुत किए गए दावों में अनियमितता मिलने के बाद उठाया। विभाग ने इन समस्त निजी अस्पतालों को बीते दिनों हुई बैठक में आगाह भी कर दिया।
1- कुछ निजी अस्पतालों द्वारा योजना में दस्तावेजों का एक से अधिक स्थानों पर उपयोग। 2- ओपीडी को नियम विरुद्ध आईपीडी में परिवर्तित करना। 3- अनावश्यक रूप से अधिक बिल तैयार करना। 4- बिना आवश्यकता के अतिरिक्त जांचें करवा कर क्लेम राशि बढ़ाना।
बेवजह भर्ती कर रहे मरीजों को, यों हुआ खुलासा
एआई आधारित विशेष की जांच में सामने आया कि योजना के तहत संबंधित निजी अस्पतालों में कई ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को नियम विरुद्ध भर्ती कर रहे हैं। बेवजह की जांचें करवाना भी सामने आया है।
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे दावों में कई अनियमितताएं सामने आईं। इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए अस्पतालों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है। जो अस्पताल बार-बार मामूली गलती के नाम पर गलत क्लेम प्रस्तुत कर रहे हैं, उन पर वसूली, निलंबन एवं डी-एम्पैनलमेंट सरीखी सख्त कार्रवाई होगी।
विभाग के उच्चाधिकारियों ने निजी अस्पताल हाल ही में इस योजना से निलंबित किए गए अस्पतालों द्वारा की गई गलतियों से सीख लेने का सुझाव दिया। ताकि गड़बड़ियों पर अंकुश लगाया जा सके। निजी अस्पतालों को योजना के दिशा-निर्देशों को भली-भांति समझने की भी बात कही। निजी अस्पतालों को अनुचित पैकेज बुकिंग से बचने की नसीहत भी दी गई।