ऐसे कर सकते हैं सुधार
1- जनजातीय महिलाओं में स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा।2- आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाना।
3- सोनोग्राफी और अन्य जांच सुविधाएं सहजता से उपलब्ध कराना।
पलायन भी एक वजह
विशेषज्ञ बताते हैं कि पलायन भी बड़े कारणों में एक है। अधिकांश महिलाएं परिवार के साथ श्रमिक काम करने गुजरात और अन्य राज्यों में जाती हैं। जहां गर्भावस्था के समय वे ध्यान नहीं रख पाती। लगातार हैवी वर्क करने और अच्छी डाइट न ले पाने का विपरीत असर गर्भ पर पड़ता है।30 मार्च को मनेगा राजस्थान दिवस, भजनलाल सरकार करेगी ढेर सारी घोषणाएं
यह कारण आए सामने
1- गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच और दवाई न लेना।2- अच्छी डाइट पर ध्यान नहीं दिया जाना।
3- बढ़ाते रक्तचाप का निदान न करना।
4- प्रसव के कुछ हफ्ते पूर्व डायबिटीज को नजर अंदाज करना।
5- दो संतानों के बीच निर्धारित अंतराल न रखना व व अन्य कई।
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जनजाति महिलाओं में जागरूकता की कमी
जनजाति महिलाओं में जागरूकता की कमी है। अच्छी डाइट, समय पर जांच और चिकित्सक से परामर्श का अभाव सहित अन्य कारण से गर्भ में शिशु की मौत हो जाती है। मातृ शिशु स्वास्थ्य पोषण दिवस और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के तहत गर्भवती को जांच और परामर्श देते हैं।डॉ. दिनेश भाबोर, आरसीएचओ, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, बांसवाड़ा