श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि: डीएम
जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया कि मेला सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी पूर्ण निष्ठा, समर्पण व सजगता से निभाई जाए। उन्होंने कहा कि मेला एक धार्मिक और सांस्कृतिक अवसर है, जिसमें लाखों श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने निर्देश दिए कि मेला परिसर में बैरिकेडिंग सुरक्षा मानकों के अनुरूप की जाए और बल्लियों के बीच लोहे की मजबूत जाली लगाना अनिवार्य होगा, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित मार्ग मिल सके। साथ ही उन्होंने वाहनों की पार्किंग व्यवस्था पूर्व की भांति सुनिश्चित करने, बैरिकेडिंग, प्रकाश, साफ-सफाई व सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।
स्वच्छता और विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पर विशेष जोर
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में नालियों की साफ-सफाई कर उन पर ढक्कन लगाए जाएं, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना की आशंका न रहे। जहां कहीं भी नालियों के ढक्कन टूटे हों, उन्हें शीघ्र बदलने की कार्यवाही की जाए। सभी सार्वजनिक नलों की जांच कर खराब नलों को मरम्मत या बदलने की प्रक्रिया तत्काल पूरी की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि मेला क्षेत्र, विशेषकर बोहनिया तालाब और अभरन तालाब के चारों ओर रात्रि के समय पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जनरेटर भी लगाए जाएं, जिससे बिजली बाधित होने पर भी रौशनी बनी रहे।
स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश
जिलाधिकारी ने मेला क्षेत्र में पूर्ण चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त रखने पर बल देते हुए कहा कि प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के साथ-साथ एम्बुलेंस, दवाइयों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता मेला अवधि में निरंतर बनी रहनी चाहिए। गर्मी और भीड़भाड़ को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य सहायता हेतु मोबाइल मेडिकल यूनिट की तैनाती पर भी विचार किया जाए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था
पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेला परिसर में हर दुकान पर दुकानदार का नाम, पता व पहचान-पत्र के साथ रेट लिस्ट प्रदर्शित की जाए। मेला क्षेत्र में लगे सभी दुकानों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए थाना स्तर पर विशेष टीम गठित की जाए। पुलिस अधीक्षक ने भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों की तैनाती के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही महिला सुरक्षा को लेकर विशेष महिला पुलिस बल की तैनाती की भी व्यवस्था की जाएगी।
मेला कॉरिडोर प्रोजेक्ट में व्यवस्थाओं को समाहित करने के निर्देश
जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी रामनगर को निर्देश दिए कि महादेवा मेला के लिए एक समग्र कार्ययोजना बनाएं और उसे डायग्राम के रूप में प्रस्तुत करें, जिससे सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को ‘महादेवा कॉरिडोर’ परियोजना में भी समाहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक योजना के तहत मेला क्षेत्र के सौंदर्यीकरण, साफ-सफाई, स्थायी प्रकाश व्यवस्था, सड़क चौड़ीकरण, शौचालय, पार्किंग स्थल और रैन बसेरा आदि की व्यवस्था की जाए।
जन सहभागिता और स्वैच्छिक संस्थाओं का सहयोग
जिलाधिकारी ने विशेष रूप से मलिन बस्तियों और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। साथ ही मेला आयोजन में स्वयंसेवी संगठनों, स्थानीय समाजसेवियों और वॉलंटियर्स की भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा गया।
मेला क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण पर सख्ती
बैठक में मेला क्षेत्र में अतिक्रमण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने नगर पालिका और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेला परिसर, विशेषकर अभरन तालाब के चारों ओर किसी भी प्रकार का अवैध अतिक्रमण न होने पाए। उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि अतिक्रमण की स्थिति में तत्काल अभियान चलाकर उसे हटाया जाए।
खाद्य एवं पेयजल व्यवस्था, छुट्टा जानवरों पर नियंत्रण
मेला क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की शुद्धता व गुणवत्ता की जांच के लिए खाद्य विभाग की टीमों को सक्रिय रहने को कहा गया। साथ ही दुकानदारों को स्वच्छता और निर्धारित दरों पर सामग्री बेचने के निर्देश दिए गए। मेला क्षेत्र में सांड व छुट्टा जानवरों की मौजूदगी श्रद्धालुओं के लिए परेशानी बन सकती है, ऐसे में नगर निगम को निर्देशित किया गया कि ऐसे जानवरों को मेला स्थल से दूर किया जाए।