इस मौके पर पुलिस उपमहानिरीक्षक जेल राजेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि ये सरकारी पेट्रोल पंप है। पम्प पर कैदियों को वाहनों में पेट्रोल डीजल भरने के लिए नियुक्त कर उन्हें रोजगार दिया जाता है। यहां भी कैदियों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। इससे रिहा होने के बाद कैदी समाज में रहते हुए सुगमता से परिवार का पालन पोषण कर सकेंगे। पेट्रोल पम्प से प्राप्त राजस्व आय को सरकारी बंदी कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। पेट्रोल पम्प के संचालन से कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जुडऩे का अवसर मिलेगा। इस मौके पर जिला कारागार कार्यवाहक अधीक्षक राजेश योगी समेत जेल के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
सूत्रों का कहना है कि पम्प पर खुली जेल के बंदियों को रोजगार उपलब्ध होगा। जिला मुख्यालय पर वर्षों से खुली जेल का संचालन किया जा रहा है। खुली जेल के बंदियों को परिवार के साथ रहने की अनुमति होती है। यह बंदी सुबह-शाम नियमानुसार उपस्थिति दर्ज कराते है और दिनभर शहर में मजदूरी करते है। अब जेल विभाग का पेट्रोल पंप स्थापित होने से इन बंदियों को इसी पम्प पर वाहनों में पेट्रोल डीजल भरने के काम पर रोजगार दिया जाएगा। सरकार की इस पहल से बंदियों को रोजगार तो मिलेगा ही उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुडने का अवसर भी मिलेगा। इसके अलावा पेट्रोल पम्प से जेल विभाग को भी अच्छी खासी आमदनी होगी। वैसे पेट्रोल पम्प का लगभग कार्य मार्च माह में पूरा हो गया था, लेकिन खुली जेल के बंदियों की कमी, विद्युत कनेक्शन और संवेदक फर्म की ओर से पंप हैंडओवर किया जाना शेष था। इस मामले को राजस्थान पत्रिका के 20 मार्च 2025 के अंक में ‘पेट्रोल पम्प तैयार, बंदियों का इंतजार’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी। इसके बाद अन्य प्रक्रिया को पूरा किया गया तथा कोटा व झालावाड़ जेल से बंदियों का यहां ट्रांसफर किया गया।