जयपुर की नीरानिया कंट्रक्शन कंपनी का करीब 5 साल पुराना भुगतान नहीं होने पर शुक्रवार को न्यायालय की टीम कुर्की के लिए नगर परिषद पहुंची। इस दौरान नगर परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया। सूचना के बाद नगर परिषद के अधिशासी अभियंता भुवनेश मीणा नगर परिषद कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कोर्ट से पहुंचे अधिकारी को शुक्रवार फर्म का मूल भुगतान करने के बाद कोर्ट की टीम आवश्यक कार्रवाई कर बिना कुर्की किए ही लौट गई।
यह है मामला फर्म के प्रोपराइटर बाबूलाल ने बताया कि 5 साल पूर्व बारां शहर के कुछ चौराहों के सौंदर्यकरण का काम किया था। इसका भुगतान तब से ही लंबित चल रहा था। कई बार नगर परिषद के अधिकारियों को भुगतान के लिए कहा गया। लेकिन भुगतान नहीं होने पर वाणिज्यिक न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। ठेकेदार के वकील योगेश गुप्ता ने बताया कि नगर परिषद को भुगतान के लिए कई नोटिस दिए जा चुके थे। फर्म के ब्याज समेत लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपए बकाया चल रहे थे। कई बार निवेदन के बाद भी भुगतान नहीं हुआ तो वाणिज्यिक न्यायालय कोटा में अलग-अलग 4 दावे किए थे।
फर्म के बकाया भुगतान के लिए वाणिज्यिक न्यायालय कोटा से कुर्की के आदेश जिला न्यायालय बारां को भेजे गए थे। जिसकी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को जिला न्यायालय बारां की टीम कुर्की के लिए पहुंची थी। इस मामले में नगर परिषद के अधिशाषी अभियंता भुवनेश मीणा ने बताया कि उक्त फर्म का 1 करोड़ 30 लाख का भुगतान बकाया चल रहा था। जिसमें से 70 लाख रुपए का भुगतान अगस्त 2024 में किया जा चुका था। बकाया 50 लाख का भुगतान शुक्रवार को किया गया है। अब अन्य खर्च ब्याज व कोर्ट का खर्चा सीए से आंकलन करवाने के बाद भुगतान किया जाएगा।
इस मामले में डीजे कोर्ट बारां से कुर्की के लिए पहुंचे सेल अमीन सुरेंद्र ओझा ने बताया कि कोटा वाणिज्यिक न्यायालय से नगर परिषद को चार वारंट जारी किए गए थे। इनमें तीन वारंटों का भुगतान पूर्व में कर दिया गया था। कोटा कोर्ट के आदेशों की पालना में यहां पहुंचे थे। नगर परिषद द्वारा 50 लाख रूपए का मूल भुगतान कर दिया गया है। वहीं अन्य खर्च भुगतान का पेमेंट की समय सीमा में करना तय किया गया है।