आरोपियों के नाम और शिकायत
जनकपुरी में रहने वाले कपड़ा व्यापारी अंकुर गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने धनराज बिल्डर्स के डायरेक्टर राकेश शर्मा (मॉडर्न विलेज, दोहना, भोजीपुरा निवासी), उनके बेटे शशांक शर्मा, प्रेमनगर स्थित शिव गंगा आवास में रहने वाले नवीन खत्री, और हिंद टाकीज के पास रहने वाले मिलन पोरवार को इस ठगी का जिम्मेदार ठहराया है। अंकुर गुप्ता ने बताया कि उनके मौसेरे साले नितिन वैश्य ने इन आरोपियों से उनका परिचय कराया। राकेश शर्मा को एक बड़े बिल्डर के रूप में पेश किया गया, जो विभिन्न जिलों में सरकारी आवासीय प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। उन्होंने प्रोजेक्ट में निवेश के नाम पर 4.5 करोड़ रुपये की मांग की और वादा किया कि एक साल में मुनाफे के साथ रकम लौटा दी जाएगी।
15 दिसंबर 2017 को दोबारा 15 लाख लिये
अंकुर ने भरोसा करके यह रकम दे दी। इसके बदले आरोपियों ने जमानत के तौर पर 4.90 करोड़ रुपये के चेक दिए, लेकिन बाद में पता चला कि ये चेक बंद हो चुके बैंक खातों के थे। जब चेक जमा करने की बात हुई, तो आरोपियों ने टालमटोल और विवाद शुरू कर दिया। 15 दिसंबर 2017 को आरोपियों ने दोबारा यह कहकर 15 लाख रुपये ले लिए कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनका 10 करोड़ रुपये का भुगतान होना है। इस तरह, किस्तों में आरोपियों ने कुल 5.20 करोड़ रुपये ले लिए।
धमकी देकर दबाव बनाने की कोशिश
जब अंकुर गुप्ता ने अपनी रकम वापस मांगी, तो 25 अक्तूबर को आरोपियों ने उनके घर आकर धमकी दी। उन्होंने कहा कि यदि रकम के लिए दोबारा तकादा किया, तो परिवार समेत उन्हें जान से मारवा दिया जाएगा। अंकुर गुप्ता ने पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट के आदेश पर थाना प्रेमनगर में एफआईआर दर्ज की गई है। अब पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।