Ustad Zakir Hussain passed away: उस्ताद जाकिर हुसैन, विश्वविख्यात तबला वादक और भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक प्रमुख चेहरा, अब हमारे बीच नहीं रहे। 73 वर्षीय उस्ताद का निधन अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हुआ। वे दिल संबंधी गंभीर समस्याओं और उच्च रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे थे। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पिछले हफ्ते आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
कालजयी संगीत का अंत, संगीत की दुनिया ने खोया सितारा
उस्ताद जाकिर हुसैन की तबला वादन में महारत ने भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर एक विशेष पहचान दिलाई। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह राठौड़ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “जाकिर हुसैन की तबले पर असाधारण महारत ने संगीत की दुनिया में एक कालजयी विरासत बनाई है। उनके परिवार, दोस्तों और अनगिनत फैंस के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। उनका संगीत हमारे दिलों में हमेशा गूंजता रहेगा।”
मित्रों और प्रशंसकों ने दी श्रद्धांजलि
जाकिर हुसैन के करीबी मित्र और प्रख्यात बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने उनकी मृत्यु को एक व्यक्तिगत क्षति बताया। पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “उनकी सेहत पिछले कुछ समय से ठीक नहीं थी। उन्हें दिल की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।”
संगीत का अमिट योगदान
उस्ताद जाकिर हुसैन ने न केवल तबले की परंपरागत सीमाओं को तोड़ा बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी प्रसिद्धि दिलाई। उनका संगीत सदियों तक आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उनके निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत ने अपना एक अनमोल रत्न खो दिया है।