scriptचंद्रशेखर आजाद के काफिले पर हमले से नाराज भीम आर्मी सड़कों पर उतरी, कहा प्रदेश सरकार अत्याचार रोकने में विफल, की ये मांगें, जाने | Angry with the attack on Chandrashekhar Azad's convoy, Bhim Army took to the streets, said the state government failed to stop atrocities, made these demands, know | Patrika News
बरेली

चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर हमले से नाराज भीम आर्मी सड़कों पर उतरी, कहा प्रदेश सरकार अत्याचार रोकने में विफल, की ये मांगें, जाने

भीम आर्मी भारत एकता मिशन के पदधिकारियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट गेट पर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जातिगत भेदभाव और सामंती मानसिकता से ग्रसित लोगों द्वारा लगातार अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाएँ बढ़ रही हैं।

बरेलीMar 03, 2025 / 03:15 pm

Avanish Pandey

बरेली। भीम आर्मी भारत एकता मिशन के पदाधिकारियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट गेट पर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जातिगत भेदभाव और सामंती मानसिकता से ग्रसित लोगों द्वारा लगातार अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाएँ बढ़ रही हैं। वर्तमान सरकार इन घटनाओं को रोकने में विफल होती दिख रही है। इसके अलावा मथुरा में सांसद चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर हुए हमले को लेकर भी उन्होंने आवाज उठाई।

मथुरा जिले में बढ़ती हिंसा

गांग सिर्रेला गाँव थाना मॉट क्षेत्र में वासुदेव बघेल नामक युवक की निर्मम हत्या। करनायल गाँव थाना रिफाइनरी क्षेत्र में अनुसूचित जाति की बेटियों की शादी से पहले बारात पर हमला, जिससे शादी स्थगित करनी पड़ी। इस हमले में कई लोग घायल हुए। भगत सिंह नगलिया गाँव थाना सुरीर क्षेत्र में चंद्रपाल एवं उनके परिवार पर हमला, जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इसके अलावा मेरठ जनपद के सरधना क्षेत्र में भी एक घटना सामने आई है, जहाँ बारात पर हमला कर बारातियों को पीटा गया और दुल्हन के जेवर एवं अन्य सामान लूट लिए गए।

सांसद चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर हमला

इन घटनाओं को लेकर पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए आजाद समाज पार्टी कांशीराम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भीम आर्मी के संस्थापक, सांसद एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद 28 फरवरी को मथुरा पहुँचे। जब वे थाना सुरीर क्षेत्र में पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे, तभी पुलिस की मौजूदगी में असामाजिक तत्वों ने उनके काफिले पर सुनियोजित हमला कर दिया। इस हमले में कार्यकर्ताओं की गाड़ियों को नुकसान पहुँचाया गया और कई लोग घायल हुए। इसके बावजूद चंद्रशेखर आजाद ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और प्रशासन से उनके लिए न्याय एवं सुरक्षा की माँग की। लेकिन जब वे लौट रहे थे, तब एक बार फिर पुलिस की मौजूदगी में हमला किया गया।

सरकार की निष्क्रियता पर उठे सवाल

लगातार हो रही इन घटनाओं से प्रदेश के गरीब और कमजोर वर्गों में भय का माहौल बन गया है। पुलिस प्रशासन असामाजिक तत्वों के सामने असहाय नजर आ रहा है, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि क्या सरकार ऐसे हमलों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी। पीड़ित परिवार और सामाजिक संगठन न्याय की गुहार लगा रहे हैं और सरकार से कड़ी कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।

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