पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि विपक्ष के नेता पद के लिए शिवसेना (यूबीटी) विधायक भास्कर जाधव का नाम विधानसभा अध्यक्ष को भेजा गया है। पहले खबर आई थी कि उद्धव गुट आदित्य ठाकरे को एलओपी बना सकती है।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ठाकरे ने कहा, “हमने स्पीकर से विपक्ष के नेता पद के लिए भास्कर जाधव के नाम की सिफारिश की है। हमें यकीन है कि लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए स्पीकर जल्द से जल्द निर्णय लेंगे। विपक्ष के नेता का पद बजट पेश होने से पहले हमें दिया जाएगा।”
महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी) के सहयोगियों ने अभी तक इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि एमवीए में शामिल एनसीपी शरद पवार गुट ने मांग की थी कि कैबिनेट स्तर का यह पद गठबंधन के तीनों दलों को बारी-बारी से मिलना चाहिए। लेकिन उद्धव ने ऐसे किसी भी फॉर्मूले को खारिज कर दिया है।
LOP का नहीं है फ़ॉर्मूला- ठाकरे
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सोमवार को मांग की थी कि विपक्ष के नेता का पद एमवीए के तीनों दलों को 18-18 महीने के लिए बारी-बारी से मिले। राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा था, ‘‘नेता प्रतिपक्ष का पद तीन पार्टियों को 18 महीने के लिए बारी-बारी से मिलना चाहिए ताकि हर पार्टी को राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले। हमें एक मजबूत विपक्ष के रूप में एक साथ रहना होगा। यह एनसीपी (एसपी) का रुख है।’’ उद्धव ठाकरे ने कहा, “विपक्ष के नेता पद के लिए एमवीए में कोई फॉर्मूला नहीं बना है। हम साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं।” ऐसे में एलओपी पद को लेकर एमवीए में खींचतान की अटकलें लगाई जा रही हैं।
हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावा पेश करेगी। उन्होंने तर्क दिया था कि पहले भी यह पद विपक्षी दलों को दिया गया था, जबकि उस समय भी उनके पास 10 फीसदी सीटें नहीं थीं।
राउत ने कहा था, ‘‘हम एलओपी के लिए दावा पेश करेंगे। भले ही विधायकों की संख्या कम हो, लेकिन संविधान में ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि सदन को विपक्ष के नेता के बिना काम करना चाहिए। हमारे पास 20 विधायक हैं। इसलिए उम्मीद है कि स्पीकर एलओपी पद देने की हमारी मांग स्वीकार करेंगे।’’
पिछले दिनों कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि अगर शिवसेना विधानसभा में एलओपी पद के लिए दावा करती है तो वह विधान परिषद में भी एलओपी पद की मांग करेंगे। वर्तमान में उद्धव गुट के अंबादास दानवे विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं लेकिन एमएलसी के तौर पर उनका कार्यकाल अगस्त 2025 में खत्म हो जाएगा।
एमवीए गठबंधन में उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं। 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में शिवसेना (उद्धव गुट) के 20, कांग्रेस के 16 और एनसीपी (शरद पवार) के 10 विधायक हैं।