क्या है पूरा मामला
यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है, जब आजम खान पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। उस समय सपा और बसपा का गठबंधन था, और रामपुर लोकसभा सीट सपा के खाते में आई थी। चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने कई बार विवादित बयान दिए थे, जिनके चलते उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे।
‘कलक्टर-पलक्टर’ वाला बयान और मुकदमा
चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह वाहन पर खड़े होकर माइक से बोलते नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा था: “डटे रहो, यह कलक्टर-पलक्टर से मत डरियो, ये तनखइया हैं।”
इस बयान के चलते उनके खिलाफ थाना भोट में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मुकदमा एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रहा है, जहां गवाही की प्रक्रिया जारी है।
किन पुलिसकर्मियों पर जारी हुआ वारंट
न्यायालय ने इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को गवाही के लिए तलब किया था, लेकिन हाजिर न होने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया गया। ये पुलिसकर्मी हैं: - ओगेंद्र सिंह – उपनिरीक्षक, बरेली
- जगदेव सिंह – सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक
- रवि कुमार – आरक्षी, स्वार कोतवाली
कोर्ट ने जारी किए गैर-जमानती वारंट
इन गवाहों के अदालत में पेश न होने पर मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए। अब पुलिस को उन्हें जल्द से जल्द अदालत में पेश करना होगा।