सूचना पर पहुंची पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मिशनरी लालजी और उनकी बेटी को हिरासत में ले लिया। साथ ही, हिंदू संगठन की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। फरीदपुर इंस्पेक्टर राधेश्याम ने बताया कि शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है, और मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ईसाई धर्म का कर रहे थे प्रचार-प्रसार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, फरीदपुर के फर्रुखपुर मोहल्ला निवासी जितेंद्र गुप्ता के मकान में महू जिला स्थित मुंगेशर गांव निवासी लालजी पुत्र जकड़ी किराए पर रह रहे थे। आरोप है कि वह अपने घर में ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ प्रार्थना सभाएं आयोजित कर रहे थे, जिसमें स्थानीय लोगों को भी बुलाया जाता था। रविवार को जब मोहल्ले में बड़ी संख्या में लोग एकत्र होकर प्रार्थना सभा में शामिल होते देखे गए, तो हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को शक हुआ। मौके पर पहुंचकर उन्होंने हंगामा किया और पुलिस को सूचना दी।
मामले की जांच में जुटी फरीदपुर पुलिस
उधर, आरोपी लालजी ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि वह किसी प्रकार का धर्मांतरण नहीं करा रहे थे। उन्होंने सफाई दी कि वह कुछ समय पूर्व दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान ईसाई मिशनरियों के संपर्क में आए थे, जिन्होंने उन्हें प्रार्थना करने की सलाह दी थी। इसके बाद वह स्वास्थ्य लाभ के लिए घर पर प्रार्थना सभा करने लगे। पुलिस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच कर रही है। वहीं, हिंदू संगठनों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।