3.2 करोड़ की ट्रांजैक्शन, एक ही खाते में आए पैसे
जांच में पता चला है कि 18 और 19 जून को नारायणी इंफ्राटेक के बैंक खाते में ठगी के 3.20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इनमें से 1.10 करोड़ वैज्ञानिक सेठगी नामक शख्स से आए थे। बाकी राशि अन्य राज्यों से ठगी के जरिए भेजी गई। 20 जून को पूरी रकम एक साथ खाते से निकाल ली गई, जिसके बाद खाते को फ्रीज कर दिया गया।मोबाइल, क्रिप्टो वॉलेट बरामद
गिरफ्तार आरोपियों के पास से तीन मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक क्रिप्टो वॉलेट बरामद हुआ है। क्रिप्टो वॉलेट की जांच की जा रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की पुष्टि हो सकती है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह साइबर ठग गिरोह चीन से ऑपरेट होता है।छह आरोपियों की पहले हो चुकी गिरफ्तारी
इस मामले में अब तक कुल नौ आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। प्रदीप के अलावा रविवार को महफूज और अमान को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इससे पहले लखनऊ, मिर्जापुर, बदायूं और अन्य जिलों से जुड़े निम्नलिखित छह आरोपियों को भी जेल भेजा गया था:कार्रवाई में शामिल रही टीमें
गिरफ्तारी अभियान में साइबर थाना प्रभारी दिनेश शर्मा, एसआई नीरज सिंह, सुरेश शर्मा, एसटीएफ इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय, आदित्य सिंह और अन्य टीमें प्रमुख रूप से शामिल रहीं।एसपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि प्रकरण की जांच तेजी से की जा रही है और जल्द ही पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा।