इस बैठक में जनशिकायतों के त्वरित, प्रभावी और संतोषजनक निस्तारण को लेकर दिशा-निर्देश दिए।
शिकायतकर्ता की संतुष्टि सर्वोपरि: एडीजी
बैठक के दौरान एडीजी रमित शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि थानों और सीओ स्तर पर प्राप्त शिकायतों का शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि “शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही किसी शिकायत निस्तारण का अंतिम मापदंड है।” इसके लिए अधिकारियों को आवेदकों से सीधा संवाद बनाए रखने और प्रगति की जानकारी नियमित रूप से साझा करने के भी निर्देश दिए गए।
📂 लंबित चार्जशीट व फाइनल रिपोर्ट पर जताई नाराजगी
एडीजी ने सीओ ऑफिसों में लंबित चार्जशीट और फाइनल रिपोर्ट (एफआर) की समीक्षा करते हुए सख्त लहजे में कहा कि इन मामलों को निजी रुचि लेकर समयबद्ध रूप से न्यायालय में दाखिल किया जाए, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में कोई देरी न हो।
👩⚖ महिला सुरक्षा और पाक्सो मामलों को लेकर कड़ा रुख
महिला संबंधी अपराधों और पाक्सो एक्ट के मामलों के त्वरित और न्यायोचित निस्तारण पर जोर देते हुए कहा कि “ऐसे मामलों में पीड़िता की सुरक्षा और भरोसा सर्वोपरि है।” उन्होंने सार्वजनिक स्थलों पर महिला सुरक्षा दलों की सक्रिय तैनाती के निर्देश भी दिए।
थाना दिवस पर टीम बनाकर हो शिकायतों का हल
थाना दिवस पर प्राप्त शिकायतों के प्रभावी समाधान हेतु पुलिस अधीक्षकों को आवश्यकतानुसार टीम गठित करने और निर्धारित समयसीमा में कार्यवाही सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया गया।
मीडिया से सकारात्मक समन्वय बनाकर चलें
मीडिया के साथ बेहतर समन्वय बनाए रखने और पत्रकारों को सम्मानजनक व्यवहार देने की हिदायत भी बैठक में दी गई। राजस्व से संबंधित शिकायतों के समाधान दिवस के दौरान प्राथमिकता पर निस्तारण सुनिश्चित करने की भी बात कही गई। इस दौरान डीआईजी बरेली रेंज अजय साहनी समेत अन्य जिलों के भी पुलिस कप्तान और सीओ उपस्थित थे।