अधूरी सड़कें हादसे को दे रहीं न्योता
नगर निगम ने शहर में टूटी और कच्ची सड़कों को पक्का करने के लिए भारी-भरकम बजट पास किया था। पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने भी जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई प्रस्ताव प्रस्तुत किए। टेंडर जारी हुए, कुछ कार्यों के वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिए गए। हालांकि, बहुत से काम या तो शुरू ही नहीं हुए या फिर आधे-अधूरे छोड़ दिए गए। नतीजा यह है कि छोटी बमनपुरी, फुटा दरवाजा, बानखाना समेत कई इलाकों की सड़कें अब भी अधूरी पड़ी हैं। इन जर्जर सड़कों पर चलना लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। जगह-जगह बिखरा कंक्रीट और गड्ढों से भरी सड़कें दुर्घटनाओं को न्योता दे रही हैं।कब सुधरेंगी सड़कें?
शहर में करीब 82 सड़कें ऐसी हैं, जो या तो अधूरी बनी हैं या खुदाई के बाद बीच में ही छोड़ दी गई हैं। कई स्थानों पर ठेकेदारों ने केवल पत्थर बिछाकर काम बंद कर दिया, तो कहीं खुदाई के बाद आगे का कार्य ही नहीं किया गया। इससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। उड़ती हुई धूल-मिट्टी से न केवल राहगीर परेशान हैं, बल्कि आसपास रहने वाले लोगों और दुकानदारों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।नगर आयुक्त का बयान
“निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य अभियंता सहित सभी संबंधित इंजीनियरों से सड़कों की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली जा रही है। जो ठेकेदार काम में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”— संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त