लापरवाही की हद : सर्दी निकल जायेगी तब जलेंगे अलाव, बटेंगे कंबल
नगर निगम के अफसरों की लापरवाही की वजह से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। आधा दिसंबर बीत गया, ठंड ने अपने करतब दिखाने शुरू कर दिये हैं, लेकिन निगम के अफसर अभी तक अलाव और कंबल की व्यवस्था नहीं कर पाये हैं। जिसकी वजह से राहगीर और बेसहारा लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। नवंबर में ही अलाव और कंबल की योजना पूरी होनी थी, लेकिन अब तक सब कागजों तक सीमित है। नगर निगम ने लकड़ी खरीदने का टेंडर तो जारी कर दिया, लेकिन बाजार में कम रेट पर लकड़ी नहीं मिल पाने से अलाव अभी तक नहीं जल पा रहे हैं।
अलाव और रैन बसेरों का हाल
श्यामगंज समय: रात 9:00 बजे अलाव की कोई व्यवस्था नहीं थी। ठंड से बचने के लिए लोग खुद लकड़ी लाकर आग जलाते दिखे। पटेल चौक समय: रात 9:10 बजे खुले आसमान के नीचे ठंड में लोग ठिठुर रहा है। रिक्शा पोलर से लेकर राहगीरों को ठंड से बचने के लिये अलाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। पुराने रोडवेज समय: रात 9:20 बजे
पुराने रोडवेज बस अड्डे पर बने अस्थाई रैन बसेरे के पास कुछ लोग लकड़ी इकठ्ठा कर आग जलाते दिखाई दिए। वहीं चाय की गुमटी के पास लोग घेरे खड़े हैं, अलाव न होने की वजह से लोग कांप रहे हैं। ठंडी हवायें हाड़ कंपकंपा रहीं हैं, लेकिन अभी तक नगर निगम के जिम्मेदार लोगों ने इसकी व्यवस्था नहीं की है।
बैठक में मंजूर हुआ था प्रस्ताव
नवंबर में नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में हर वार्ड में 200 कंबल और 20 कुंटल लकड़ी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बावजूद दिसंबर बीतने को है और न तो कंबल खरीदे गए, न ही अलाव की व्यवस्था पूरी हुई। निगम की लापरवाही का खामियाजा गरीब और बेसहारा लोग भुगत रहे हैं। शीतलहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, लेकिन ठिठुरती सर्दी से बचाव के इंतजाम अब तक अधूरे हैं।